भारतीय क्रिकेट टीम में चयन के लिए क्रिकेटर्स यो-यो टेस्ट पास करना अनिवार्य हो गया है। कप्तान विराट कोहली की पहल के बाद अब सभी क्रिकेटर्स फिटनेस पर ध्यान दे रहे हैं। हालांकि चयन के लिए यो-यो टेस्ट को इतना महत्व दिए जाने पर कई दिग्गज पूर्व क्रिकेटरों ने आपत्ति भी जताई है, मगर टीम प्रबंधन टस से मस होने को तैयार नहीं है। इसी बीच, क्रिकेटर गौतम गंभीर की बड़ी बेटी आज़ीना ने यो-यो टेस्ट दिया है। ट्विटर पर गंभीर द्वारा पोस्ट किए गए वीडियो में आज़ीना टेस्ट देती दिख रही हैं। गंभीर ने इस वीडियो पर सचिन तेंदुलकर, हरभजन सिंह, युवराज सिंह जैसे दिग्गजों की राय भी मांगी है।
फैंस को आज़ीना का यह वीडियो बेहद भाया। पोस्ट करने के 24 घंटों के भीतर इसे 65 हजार बार देखा गया है और 11 हजार लोगों ने लाइक किया है। आज़ीना की तारीफ के साथ कुछ यूजर्स ने यो-यो टेस्ट की अनिवार्यता का मजाक बनाया। सन्नी ने लिखा, ”यो-यो टेस्ट एक मजाक है, कोहली की राजनीति है।” विवेक ने कहा, ”वह (आज़ीना) रोहित शर्मा से बेहतर स्कोर कर रही है।”
Looks like my elder one Aazeen has cleared the Yo-Yo test!!! What do you think @YUVSTRONG12 @harbhajan_singh @sachin_rt ? pic.twitter.com/rP4KIkRDrs
— Gautam Gambhir (Modi Ka Parivar) (@GautamGambhir) July 22, 2018
Daughter’s day out!!! pic.twitter.com/JdhEVMPZPH
— Gautam Gambhir (@GautamGambhir) July 22, 2018
How cute is she?! Little Aazeen did it sooo perfectly…like father like daughter…lots of love & blessings for this little soul. Her smile is so precious. please give a bigggg hug to her
— Gautian Sreeja Roy (@Roysreeja8) July 22, 2018
I have seen this video more than 50 times
Cuteness overloaded in this video
This video is the best video 9n internet today
Thank you very much for sharing this cute video— Mahima (@im_mahima) July 22, 2018
She gets better score then rohit sharma
— vivek (@SharmaVivek3334) July 22, 2018
YO YO test is a Joke..Simply a Politics by Kohli ..
— Sunny Harjani (@harjani_sunny) July 22, 2018
क्या है यो-यो टेस्ट? यो-यो टेस्ट एक तरह का फिटनेस टेस्ट होता है। क्रिकेट के अलावा फुटबॉल, रग्बी आदि खेलों के खिलाड़ी भी इस टेस्ट से गुजरते हैं। यह टेस्ट बीप टेस्ट का एडवांस वर्जन है जिसमें 20-20 मीटर की दूरी पर दो लाइनें बनाकर कोन रखे जाते हैं। एक छोर की लाइन पर खिलाड़ी को पैर पीछे की ओर रखना होता है और बीप बजते ही दौड़ लगानी होती है। खिलाड़ियों को वक्त पर तय लाइन पर पहुंचना होता है। इस टेस्ट का मुख्य उद्देश्य खिलाड़ियों का स्टेमिना जांचना है।