भारतीय टीम के युवा ऑलराउंडर बल्लेबाज विजय शंकर बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल मुकाबले में भारत की हार की वजह बनने से बाल-बाल बच गए। निदास ट्रॉफी में विजय शंकर को फाइनल मुकाबले से पहले कभी बल्लेबाजी करने का मौका नहीं मिला था। हालांकि, शंकर अपनी शानदार गेंदबाजी से सभी को खासा प्रभावित किया था, लेकिन बल्ले से उनकी असली परीक्षा बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल मुकाबले में होना था। भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने फाइनल मैच में रिस्क लेते हुए शंकर को कार्तिक से पहले बल्लेबाजी करने के लिए भेज दिया। शंकर इस मौके को भुनाने में पूरी तरह से नाकाम रहे और अपनी पारी के दौरान संघर्ष करते नजर आए। शंकर ने 19 गेंदों में 100 से भी कम के स्ट्राइक रेट के साथ 17 रन बनाए। इस दौरान वह तीन चौके लगाने में जरूर कामयाब रहे, लेकिन टीम को जिस तेज गति से रनों की उम्मीद उनके बल्ले से थे, वो ऐसा करने में नाकाम रहे। अगर दिनेश कार्तिक अंतिम समय में तेजी गति से रन बनाने में कामयाब नहीं होते तो भारत इस मैच को हार सकती थी।

त्रिकोणीय टी-20 सीरीज निदास ट्राफी के फाइनल मुकाबले में खेल भावना के तमाम रंग देखने को मिले। भारतीय खिलाड़ियों ने मैदान में श्रीलंका का झंडा उठाया तो दर्शकों ने तालियां बजाकर स्वागत किया। वहीं टीम इंडिया के फैन सुधीर को उठाकर श्रीलंका का दर्शक दौड़ने लगा।

भारतीय टीम अगर इस मैच को जीतने में कामयाब नहीं होती तो ऐसा पहली बार होता जब टी-20 में भारत को बांग्लादेश से हार का सामना करना पड़ता। इस हार की सबसे बड़ी वजह विजय शंकर होते, लेकिन दिनेश कार्तिक ने ताबड़तोड़ पारी खेलकर ना सिर्फ टीम को जीत दिलाई बल्कि शंकर को भी बड़ी मुसीबत से निकालने का काम किया। कार्तिक ने महज 8 गेंदों में 29 रनों की पारी खेलकर टीम को जीत दिलाया।

बता दें कि भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा और शिखर धवन ने तेज शुरुआत की। दोनों ने 16 गेंदों पर 32 रन जोड़ दिए लेकिन इसी योग पर शाकिब अल हसन ने धवन को आउट कर भारत को पहला झटका दिया। रुबेल हुसैन ने सुरेश रैना (0) को आउट कर भारत को दूसरा झटका दिया। इसके बाद कप्तान शर्मा और लोकेश राहुल ने टीम को संभाला और अंतिम दो ओवरों में कार्तिक ने विस्फोटक अंदाज में पारी खेलकर टीम को यादगार जीत दिलाया।