conflict-of-interest complaint: ‘हितों के टकराव’ लंबे समय से पूर्व खिलाड़ियों की गले की फांस बना हुआ है। इसको लेकर भारतीय क्रिकेट टीम के कई दिग्गज विवादों में आ चुके हैं। मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) अध्यक्ष सौरव गांगुली, पूर्व कप्तान कपिल देव से लेकर दिग्गज बल्लेबाज राहुल द्रविड़ तक सब को इसका सामना करना पड़ा है। द्रविड़ इन दिनों भारतीय अंडर 19 और इंडिया ए के मुख्य कोच हैं। ऐसे में जब उन्हें राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) का प्रमुख बनाया गया तो उनके खिलाफ ‘हितों के टकराव’ को लेकर शिकायत की गई थी जिसका फैसला आ चुका है।

बीसीसीआई के लोकपाल-कम-एथिक्स ऑफिसर न्यायमूर्ति डीके जैन ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट (हितों के टकराव) मामले में क्लीन चिट दे दी। जैन ने कहा कि उन्हें पूर्व भारतीय कप्तान के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नजर नहीं आया। जैन ने कहा, “मैं द्रविड़ के खिलाफ हितों के टकराव से जुड़ा कोई मामला नहीं पाया।”

डीके जैन ने कहा, ‘मैंने शिकायत खारिज कर दी है। द्रविड़ साथ हितों के टकराव का कोई मुद्दा नहीं है। तथ्यों के आधार पर मुझे भरोसा हो गया है कि नियमों के अनुसार हितों के टकराव का मामला नहीं बनता है। नतीजतन, शिकायत खारिज कर दी जाती है जिसमें कोई दम नहीं है। साथ ही बीसीसीआई को भी इसकी जानकारी दे दी गई है। इस मामले से जुड़ा हस्ताक्षरित अंतिम फैसले का दस्तावेज इस शिकायत के साथ संलग्न रहेगा।”

द्रविड़ को 12 नवम्बर को जैन के सामने पेश होना था। द्रविड़ अभी राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख हैं। मध्य प्रदेश क्रिकेट संघ के आजीवन सदस्य संजीव गुप्ता की शिकायत पर एथिक्स ऑफिसर ने द्रविड़ को कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट के सम्बंध में नोटिस दिया था। अपनी शिकायत में गुप्ता ने कहा था कि द्रविड़ एनसीए के निदेशक हैं और साथ ही साथ वह आईपीएल फ्रेंजाइजी चेन्नई सुपर किंग्स का मालिकाना हक रखने वाली इंडिया सीमेंट्स ग्रुप में उपाध्यक्ष भी हैं।

द्रविड़ ने हालांकि इन आरोपों के बचाव में कहा था कि उन्होंने इंडिया सीमेंट्स के अपने पद से दीर्घकालीन अवकाश ले रखा है। बीसीसीआई के अध्यक्ष ने भी द्रविड़ पर लगे ‘हितों के टकराव’ के आरोपों को लेकर काफी नाराजगी जाहिर की थी। गांगुली ने कहा था कि कॉनफ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट भारतीय क्रिकेट में एक नया फैशन बन गया है। यह खबरों में रहना का तरीका है।