पिछले कुछ सालों में क्रिकेट ने कई खिलाड़ियों की जिदंगी को बदल दिया है। लेकिन ऐसा नहीं है कि क्रिकेट में लोग पैसे के लिए आते हैं। यहां तक पहुंचने के लिए कड़ी मेहनत लगती है। समय-समय पर फैन्स को अपने पसंदीदा खिलाड़ी के संघर्ष से जुड़ी कहानियां फिल्मों, किताबों या किसी और तरीके से जानने को मिलती रहती हैं। भारतीय क्रिकेट टीम में कई ऐसे वर्तमान और पूर्व खिलाड़ी रहे हैं जो गरीबी से उठकर ऊंचे मुकाम तक पहुंचे हैं। यहां हम आपको ऐसे ही 5 क्रिकेटर्स के बारे में बता रहे हैं।
वीरेंद्र सहवाग: टेस्ट में दो बार तीहरा शतक और वनडे में दोहरा शतक मारने वाले वीरेंद्र सहवाग की टक्कर शायद ही कोई कर पाए। नजफगढ़ का नवाब कहे जाने वाले सहवाग जब ओपनिंग करने आते थे तो गेंदबाज अपनी खैर मनाते थे। सहवाग के पिता एक गेहूं व्यापारी थे और वह 50 लोगों के सामुहिक परिवार में रहते थे। 50 लोगों के रहने के लिए एक ही घर था। सहवाग को क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए हर दिन 84 किमी का सफर करना पड़ता था।
https://www.youtube.com/watch?v=9KCURAybHoQ
रविंद्र जडेजा: रविन्द्र जडेजा वर्तमान में टॉप रैंक के टेस्ट गेंदबाज और ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं। हालांकि शुरुआती दिनों में वह भी गरीबी की मार झेल चुके हैं। उनके पिता एक प्राइवेट कंपनी में वॉचमैन की नौकरी करते थे। पिता की मामूली तन्ख्वाह से बमुश्किल घर का खर्च चल पाता था। बचपन से ही रवींद्र जडेजा को आर्थिक मुश्किलों ने घेरे रखा। उसके बाद भी जडेजा ने अपनी मेहनत के दम पर भारतीय टीम में जगह बनाई।
https://www.youtube.com/watch?v=nzF83xfYxZU
हरभजन सिंह: टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले भारतीय गेंदबाजों में हरभजन सिंह तीसरे पायदान पर हैं। हरभजन से 1998 क्रिकेट में कदम रखा था और पहली सीरीज के बाद ही उन्हें तीन साल तक बाहर बैठना पड़ा था। एक बार तो उन्होंने कनाडा जाकर टैक्सी चलाने तक का फैसला कर लिया था। हालांकि 2001 में उनकी टीम में वापसी हो गई थी।
https://www.youtube.com/watch?v=0KAs-xYxMX0
जहीर खान: बचपन से ही जहीर खान टीम इंडिया के लिए खेलना चाहते थे। उन्हें मुंबई के नेशनल क्रिकेट क्लब में खेलने का मौका भी मिला था, लेकिन उन्हें हॉस्पिटल में काम करने वाली उनकी आंटी के साथ दूसरे शहर जाना पड़ा। वह हॉस्पिटल के एक छोटे से कमरे में रहते थे, जिसमें कोई बेड तक नहीं था। कुछ समय बाद वह नौकरी करने लगे। और आखिरकार सन् 2000 में उन्हे नेशनल टीम में खेलने का मौका मिला।
https://www.youtube.com/watch?v=nlVbIEof5q4
उमेश यादव: उमेश यादव के पिता कोल माइन में काम करते थे और बड़ी ही मुश्किल से अपने परिवार को दो वक्त का भोजन दे पाते थ। उमेश ने अपनी कड़ी मेहनत के बल पर भारतीय टीम में शामिल हुए। आज उमेश भारत के सबसे तेज गेंदबाजों में एक हैं।

