क्रिकेट में सब्सटीट्यूट के नए ट्रायल के तहत वेस्टर्न प्रोविंस के ओपनर बल्लेबाज जोशुआ वैन हीर्डन का नाम इतिहास में दर्ज हो गया। वह शनिवार (4 अक्टूबर) को पहले लाइक टू लाइड इंजरी रिप्लेसमेंट सब्सटीट्यूट बन गए। साउथ अफ्रीका की प्रथम श्रेणी टूर्नामेंट के दूसरे दौर में लायंस के खिलाफ प्रोविंशियल चार दिवसीय मैच में चोट होने के कारण बीच मैच में वेस्टर्न प्रोविंस के प्लेइंग 11 में बदलाव हुआ। न्यूलैंड्स में खेले जा रहे इस मैच में वैन हीर्डन ने एडवर्ड मूर की जगह ली। मूर को दूसरे दिन फील्डिंग करते समय बाईं जांघ की अंदरूनी मांसपेशी (एडक्टर) में चोट लग गई थी।

सब्सटीट्यूट का यह ट्रॉयल ऑस्ट्रेलिया के शेफील्ड शील्ड और भारत के दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी में भी होगा। यह ट्रायल आईसीसी की एक पहल का हिस्सा है, जो मैच के दौरान गंभीर रूप से चोटिल खिलाड़ी की अन्य खिलाड़ी को मौका देने के लिए समाधान की तलाश में है। ऑस्ट्रेलिया की तरह साउथ अफ्रीका भी अंदरूनी और बाहरी दोनों चोट के लिए रिप्लेसमेंट दे रही है। भारत में अभी केवल बाहरी चोट के लिए रिप्लेसमेंट देने की योजना है।

साउथ अफ्रीका में ये है प्रोटोकॉल

साउथ अफ्रीका की घरेलू क्रिकेट में कोई चोटिल खिलाड़ी कब रिप्लेस होगा यह निर्धारित करने के लिए सख्त प्रोटोकॉल है। अंदरूनी चोट जैसे कि मांसपेशी में खिंचाव होने पर खिलाड़ी को अल्ट्रासाउंड या एमआरआई स्कैन करानी पड़ती है। इसके बाद रिपोर्ट सीएसए के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ हशेंद्र रामजी और सीएसए के क्रिकेट संचालन प्रबंधक ओबाकेंग सेपेंग को भेजी जाती है। यह रिपोर्ट के मद्देनजर निर्धारित करते हैं कि क्या चोट इतनी गंभीर है कि रिप्लेसमेंट की अनुमति मिल सके।

चोटिल खिलाड़ी 7 दिन मैदान से रहेगा दूर

इसके बाद वे मैच रेफरी से संपर्क करके अपने फैसले की पुष्टि करते हैं। बाहरी चोट जैसे कि हड्डी टूटने या खिसने पर मैच रेफरी डॉ. रामजी और सेपेंग से सलाह लेकर किसी अन्य खिलाड़ी के बारे में फैसला ले सकते हैं। घायल खिलाड़ी की जगह तभी किसी और को लाया जा सकता है जब वह मैच से पूरी तरह बाहर हो गया हो। सीएसए की प्लेइंग कंडिशन के अनुसार उसे मैदान पर वापसी करने के लिए कम से कम 7 दिन इंतजार करना होगा।

क्या इंटरनेशनल क्रिकेट में आएगा लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट

ऑस्ट्रेलिया में रिप्लेसमेंट केवल दूसरे दिन स्टंप्स तक ही मिल सकता है। चोटिल खिलाड़ी के कम से कम 12 दिनों तक मैदान से दूर रहना अनिवार्य है। ऑस्ट्रेलिया और भारत की तरह साउथ अफ्रीका भी फिलहाल बहु-दिवसीय क्रिकेट में इस प्रणाली का केवल ट्रायल कर रहा है। प्रोटोकॉल में अंतर इस बात पर निर्भर करता है कि विभिन्न देश इस प्रणाली का परीक्षण कैसे करना चाहते हैं। वे सभी आईसीसी को रिपोर्ट करेंगे, जो फिर अंतरराष्ट्रीय खेल में लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट के लिए नियम बना सकता है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में रिप्लेसमेंट केवल कन्कशन (सिर पर लगी चोट) के लिए ही मान्य है।