अर्जेंटीना पहले ही कोपा अमेरिका फुटबॉल टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह सुरक्षित कर चुका है। इसके बावजूद अपने देश की तरफ से सर्वाधिक मैच खेलने का रिकॉर्ड बनाने की दहलीज पर खड़े लियोनेल मेस्सी विश्राम नहीं लेना चाहते हैं। अर्जेंटीना के कप्तान लियोनल मेसी और स्टार खिलाड़ी सर्जियो एगुएरो उन खिलाड़ियों में शामिल हैं, जिन्हें कोच लियोनेल स्कोलोनी ने बोलिविया के खिलाफ होने वाले ग्रुप ए के अंतिम मैच के लिए टीम में शामिल किया है।

चौतीस साल के लियोनल मेसी ने अर्जेंटीना की तरफ से अब तक 147 मैच खेले हैं। वह जेवियर मासचेरानो की बराबरी पर हैं। बोलिविया के खिलाफ मैच में उतरते ही अपने देश की ओर से सबसे ज्यादा मैच खेलने का रिकॉर्ड लियोनल मेसी (Lionel Messi) के नाम पर हो जाएगा। अर्जेंटीना अपने ग्रुप में सात अंक के साथ शीर्ष पर है। उसके बाद पराग्वे (छह), चिली (पांच) और उरुग्वे (चार) का नंबर आता है। बोलिविया अब तक खाता नहीं खोल पाया है। वह पहले ही क्वार्टर फाइनल की दौड़ से बाहर हो चुका है।

अर्जेंटीना के कोच लियोनेल स्कोलोनी ने रविवार को संवाददाता सम्मेलन में पुष्टि की कि लियोनेल मेसी और सर्जियो एगुएरो (Sergio Aguero) दोनों सोमवार से शुरू होने वाले कोपा अमेरिका (Copa America) 2021 के फाइनल ग्रुप गेम में हिस्सा लेंगे। ला एल्बिसेलेस्टे (La Albiceleste, अर्जेंटीना का निकनेम) ने पहले ही अगले दौर में अपनी जगह पक्की कर ली है। इस कारण यह सुझाव दिया गया था कि मेसी को बोलिविया के खिलाफ मैच में आराम दिया जा सकता है।

इस बीच मार्का की रिपोर्ट के मुताबिक, लियोनेल मेसी और बार्सिलोना कथित तौर पर नई शर्तों पर सहमति हो गए हैं। इसका मतलब है कि बार्सिलोना ने अर्जेंटीना के इस स्टार फुटबॉलर के साथ कॉन्ट्रैक्ट को दो साल के लिए और बढ़ा दिया है। इससे पहले 6 बार के बैलन डी’ओर विजेता का भविष्य अधर में था, क्योंकि बार्सिलोना के साथ उनका अनुबंध खत्म होने में सिर्फ 2 दिन ही बचे थे।

14 साल की उम्र से है मेसी और बार्सिलोना के बीच रिश्ता

लियोनल मेसी ने 6 साल की उम्र में ही रोजारियो के ‘न्यूएल्स ओल्ड बॉयज क्लब’ के साथ फुटबॉल खेलना शुरू कर दिया था। मेसी के पहले कोच उनके पिता ही थे। मेसी के खेल पर उनकी दादी भी काफी प्रभाव रहा है। मेसी की दादी हर रोज उनके साथ ट्रेनिंग पर जाया करती थीं।

मेसी जब 10 साल के थे, तब उनके परिवार को पता चला कि वह ‘ग्रोथ हार्मोन डिफिशिएंसी’ से जूझ रहे हैं। अगर उनका इलाज जल्द नहीं कराया जाता तो मेसी के शरीर का विकास रुक जाता। इस बीमारी का इलाज बहुत महंगा था। उनके परिवार के लिए बीमारी का खर्च उठाना संभव नहीं था।

बार्सिलोना मेसी के खेल से काफी प्रभावित था। बार्सिलोना ने मेसी को अपने क्लब से जोड़ने का फैसला किया। उसने मेसी के इलाज का पूरा खर्च उठाया। मेसी को जब पहली बार बार्सिलोना के लिए साइन किया गया तब वह महज 14 साल के थे। जल्दबाजी में उनको एक टिशू पेपर पर पहली डील साइन की गई थी।