भारत के स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी सात्विकसाईराज रंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी को रविवार को चाइना मास्टर्स सुपर 750 टूर्नामेंट के रोमांचक पुरुष डबल्स के फाइनल में चुनौती पेश करने के बाद चीन के लियांग वेई केंग और वांग चांग की जोड़ी से हार का सामना करना पड़ा। सात्विक और चिराग की एशियाई खेलों की चैम्पियन जोड़ी को एक घंटे 11 मिनट तक चले फाइनल में दुनिया की नंबर एक जोड़ी से 19-21 21-18 19-21 से पराजय झेलनी पड़ी।
निर्णायक गेम में सात्विक-चिराग ने बचाए छह चैंपियनशिप पॉइंट
यह इस सत्र में छह फाइनल में उनकी पहली हार थी। इस भारतीय जोड़ी ने निर्णायक गेम में गजब का जज्बा दिखाते हुए 1-8 से उबरने के बाद 13-20 से 19-20 तक छह चैम्पियनशिप अंक बंचाये। लेकिन लियांग और वांग ने समय पर संयम बनाते हुए मेजबान देश के लिये आठ साल में पहला पुरुष युगल चाइना मास्टर्स खिताब जीत लिया। इस जीत से लियांग और वांग ने एशियाड में भारतीय जोड़ी से मिली हार का बदला भी चुकता किया।
भारतीय जोड़ी के पास था बड़ा मौका
यह भारतीय जोड़ी अपने दूसरे बीडब्ल्यूएफ सुपर 750 खिताब से महज एक जीत दूर थी लेकिन लियांग वेई केंग और वांग की दुनिया की नंबर एक जोड़ी ने उनकी इस उम्मीद को पूरा नहीं होने दिया। हांगझोउ एशियाई खेलों की स्वर्ण पदक विजेता भारतीय जोड़ी ने दूसरे गेम में वापसी की और इसे निर्णायक गेम तक ले गये। लेकिन चीन की जोड़ी ने संयम बनाये रखा और खिताब जीत लिया।
सात्विक-चिराग के लिए खास रहा यह साल
भारतीय जोड़ी उतार चढ़ाव भरे फाइनल में अपना सर्वश्रेष्ठ नहीं दिखा सकी और उनका डिफेंस दबाव में कमजोर हो गया, विशेष रूप से सात्विक का। वहीं वांग महत्वपूर्ण मौकों पर मजबूत बने रहे। यह सेमीफाइनल की तरह स्मैश शॉट वाला मुकाबला नहीं था । इसमें खिलाड़ियों की प्रतिभा दिखायी दी जिसमें दोनों जोड़ियां कोण के अलावा शॉट की गति बदलकर एक दूसरे को पछाड़ रही थीं।
लियांग और वांग का फाइनल से पहले भारतीय जोड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड बराबरी का था जिसमें से सात्विक और चिराग ने ज्यादातर मुकाबले सीधे गेम में जीते हैं। इस जोड़ी के लिए यह साल खास रहा है। उन्होंने इस साल एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप, इंडोनेशिया सुपर 1000, कोरिया सुपर 500, स्विस सुपर 300 और एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक जीता।