भारत के अनुभवी बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने रविवार 24 अगस्त को भारतीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की घोषणा कर दी। पुजारा ने कहा कि उन्होंने पहले अपने संन्यास की योजना नहीं बनाई थी और लगभग एक हफ्ते पहले ही इसके बारे में सोचा था। पुजारा ने टेस्ट क्रिकेट में भारत के आठवें सबसे ज्यादा रन बनाने वाले खिलाड़ी के रूप में अपना करियर समाप्त किया और उन्होंने 103 टेस्ट मैचों में 43.60 की औसत से 7195 रन बनाए जिसमें 19 शतक शामिल हैं।
युवा खिलाड़ियों को मिलना चाहिए मौका
पुजारा ने आज तक पर बात करते हुए कहा कि मैंने पहले इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा था, लेकिन लगभग एक हफ्ते से मुझे लगा कि यही सही समय है। इसके बाद मैंने संन्यास लेने का फैसला किया जो मेरे और मेरे पूरे परिवार के लिए गर्व का पल है। मैं अपने सभी साथियों, अपने कोचों और उन सभी सहयोगी स्टाफ को धन्यवाद देना चाहता हूं जिनके साथ मैंने काम किया। बचपन से ही, जब मैं छोटा था तब से ही भारत के लिए खेलना हमेशा एक सपना रहा है। जब वह सपना पूरा हुआ और इतने सालों तक यह सफर चला। इस दौरान की कई यादें मेरे साथ हैं और मैंने अपने करियर में की गर्व के पल महसूस किए।
पुजारा ने आगे कहा कि ये मेरा निजी फैसला था और मैंने तय किया कि यही सही समय है खासकर जब युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में मौके मिलने चाहिए। पहले मैंने सोचा था कि शायद मैं इस रणजी सीज़न में खेलूंगा, लेकिन फिर मुझे लगा कि अगर युवा खिलाड़ियों को मौका मिलेगा तभी वो जल्दी तैयार हो जाएंगे। इसलिए यह मेरा निजी फैसला था। पिछले कुछ सालों के बारे में जब मैं भारतीय टीम का हिस्सा नहीं था मैं ज्यादा कुछ नहीं कहना चाहता। अपने करियर में मुझे 2009 और 2011 में दो बड़ी चोटें लगीं, उनसे उबरकर इतने साल खेलना मैंने कभी नहीं सोचा था कि ऐसा होगा। इसलिए मैं आभारी हूं कि मुझे इतने सालों तक भारतीय टीम के लिए खेलने का मौका मिला।