पाकिस्तान चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से बाहर हो चुका है। टीम को पहले न्यूजीलैंड और फिर भारत के हाथों हार मिली जिसने उसका सफर खत्म कर दिया। पाकिस्तानी टीम इस हार के बाद दिग्गजों के निशाने पर है। पाकिस्तानी ही नहीं बल्कि भारतीय दिग्गज भी पाकिस्तान की आलोचना करने में पीछे नहीं है। दिग्गज खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने कहा कि पाकिस्तान के मौजूदा फॉर्म को देखकर ऐसा लगता है कि भारत की बी टीम को हराने में भी पड़ोसी मुल्क के पसीने छूट जाएंगे।

सुनील गावस्कर को इंडिया बी टीम पर भरोसा

गावस्कर ने कहा, “मुझे लगता है कि बी टीम निश्चित रूप से पाकिस्तान को कड़ी टक्कर दे सकती है। सी टीम, मुझे ज़्यादा यकीन नहीं है। लेकिन बी टीम को हराना पाकिस्तान के लिए उनके में बहुत मुश्किल होगा। उनके मौजूदा फॉर्म को देखकर यह कह सकता हूं।”

गावस्कर के मुताबिक पाकिस्तान अपनी गलतियों से नहीं सीख रहा है। उन्होंने कहा, ‘पहली गेंद का मोहम्मद रिजवान ने सामना किया, उसने चौका मारा। मुझे लगा कि अब रणनीति में बदलाव होगा, क्योंकि तब तक सब बस गेंद को इधर-उधर खेल रहे थे। लेकिन कुछ नहीं बदला। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, भारतीय स्पिनर अपने ओवर जल्दी खत्म कर रहे थे। यह काफी आश्चर्यजनक था कि कुछ भी उनके पक्ष में नहीं गया।’

पाकिस्तान में है बहुत प्रतिभा

अपनी बात जारी रखते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह आश्चर्यजनक है कि उनके पास बेंच स्ट्रेंथ की कमी है। पाकिस्तान में हमेशा से ही प्राकृतिक प्रतिभा रही है। प्राकृतिक इस मायने में कि वे हमेशा तकनीकी रूप से सही नहीं रहे होंगे, लेकिन उनके पास बल्ले और गेंद की सहज समझ थी। उदाहरण के लिए इंजमाम-उल-हक को देखें। अगर आप उनके स्टांस को देखें, तो आप किसी युवा बल्लेबाज को ऐसा करने की सलाह नहीं देंगे, लेकिन उनका स्वभाव बहुत अच्छा था। इस तरह के स्वभाव के साथ, उन्होंने किसी भी तकनीकी कमी को पूरा किया।”

सुनील गावस्कर ने सवाल उठाया कि पाकिस्तान को अपनी लीग से फायदा नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह आश्चर्यजनक है कि पाकिस्तान ऐसी प्रतिभाओं को पैदा नहीं कर पाया है। उनके पास पाकिस्तान सुपर लीग भी है। भारत ने व्हाइट-बॉल क्रिकेट में इतने सारे युवा सितारे कैसे पैदा किए हैं? यह आईपीएल की वजह से है। वहां से खिलाड़ी रणजी ट्रॉफी और अंततः भारत के लिए खेलने गए हैं। यह कुछ ऐसा है जिसका पाकिस्तान क्रिकेट को विश्लेषण करना चाहिए। उन्हें यह पता लगाने की जरूरत है कि उनके पास अब वह बेंच स्ट्रेंथ क्यों नहीं है जो पहले हुआ करती थी।’