माइकल जॉर्डन की यह कहानी (1992 के ओलंपिक शिविर से पहले) तब की है जब उम्रदराज अर्विन ‘मैजिक’ जॉनसन बास्केटबॉल निर्विवाद रूप से GOAT (ग्रेट ऑफ आल टाइम) थे। अभ्यास मैच के लिए टीम को दो टुकड़ी में बांट दिया गया था। यह रोज सुबह का नियमित अभ्यास था, जो बड़े अहंकार का टकराव बन गया, जहां कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं था।
माइकल जॉर्डन उस दिन अपनी पूरी रौ में थे, उनके तूफानी खेल ने जॉनसन को याद दिलाया कि उनका जादू फीका पड़ गया है। अब वह अपराजेय नहीं हैं। खेल के बाद, जॉनसन अपनी पीढ़ी के दूसरे दिग्गज लैरी बर्ड के बगल में बैठकर पसीना सुखा रहे थे। तभी माइकल जॉर्डन उनकी ओर आए और चेहरे पर अजीब मुस्कान लाते हुए कहा, ‘शहर में एक नया शेरिफ आया है।’ इस पर जॉनसन ने बर्ड से धीरे से कहा, ‘वह झूठ नहीं बोल रहा है।’
‘शहर में नए शेरिफ की एंट्री’
इसे बास्केटबॉल में सत्ता परिवर्तन का क्षण कहा जाता है। ऐसा ही रविवार 16 जुलाई 2023 को विम्बलडन में हुआ जब कार्लोस अल्कारेज ने 4 घंटे 42 मिनट तक चले मुकाबले में विश्व टेनिस के GOAT और 23 बार के ग्रैंड स्लैम विजेता नोवाक जोकोविच को हराया। 20 साल के अल्कारेज ने अपने प्रदर्शन से कुछ ऐसा ही ऐलान किया कि शहर में एक नया शेरिफ आ गया है और वह झूठ नहीं बोल रहे थे।
ऐसे लोग भी हैं, जिन्होंने उनमें 17 साल बोरिस बेकर को देखा। जैसा कि 1985 के फाइनल में हुआ था। बोरिस बेकर ने तब साउथ अफ्रीका में जन्में केविन करन (Kevin Curren) को हराया था। वह मुकाबला भी युवा शक्ति और साहसिक महत्वाकांक्षा का प्रदर्शन था। अल्कारेज और जोकोविच के मुकाबले ने विम्बलडन में अन्य लोगों को 2001 के ऐतिहासिक चौथे दौर के मैच की याद दिला दी, जब रोजर फेडरर ने पीट सम्प्रास को हराया था।
अल्कारेज का जोकोविच को हराना काफी अलग
हालांकि, कार्लोस अल्कारेज का नोवाक जोकोविच को हराना काफी अलग है। यह यह एक युग का अंत नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत है। टेनिस कोर्ट पर यह युगों से चली आ रही प्रतिद्वंद्विता की शुरुआत भी है। बेकर ने जब केविन को हराया था तब वह 17 साल के थे और अल्कारेज ने विश्व नंबर 1 रहते हुए विम्बलडन का ताज अपने नाम किया है। फेडरर के लिए यह आसान था, क्योंकि सम्प्रास अपने करियर के ढलान पर थे। वहीं, अल्कारेज का सामना दुनिया के अब तक के सर्वश्रेष्ठ टेनिस खिलाड़ी से था, जो अपने करियर के चरम पर हैं।
विम्बलडन को मिला अगली पीढ़ी का चैंपियन
पुरुष टेनिस लंबे समय से अगली पीढ़ी के चैंपियन के उभरने का इंतजार कर रहा था। नोवाक जोकोविच, राफेल नडाल और रोजर फेडरर ने बहुत से खिलाड़ियों को चुनौती नहीं देने दी, लेकिन विम्बलडन 2023 को उस ग्रैंड स्लैम के लिए याद किया जाएगा, जब टेनिस ने ऐसे रीयल चैंपियन को ढूंढ निकाला, जिसके पास पुराने दिग्गजों की नींव हिलाने की क्षमता है।
यूएस ओपन में नहीं खेले थे नोवाक जोकोविच
अल्कारेज ने यूएस ओपन जीता था, लेकिन उस टूर्नामेंट में जोकोविच नहीं खेले थे। जब से रोजर फेडरर ने संन्यास लिया है और राफेल नडाल संन्यास लेने की ओर बढ़े हैं, तब से ऐसा लग रहा था कि जोकोविच के लिए खुला रास्ता है। हालांकि, पांच सेट तक चले विम्बलडन फाइनल ने साबित कर दिया कि यदि ड्रॉ में अल्कारेज रहेंगे तो ग्रैंड स्लैम में प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी।
रविवार को अल्कारेज के पास जोकोविच की हर चाल का जवाब था। जोकोविच ने शानदार शुरुआत की, लेकिन आगे नहीं बढ़ पाए। उन्होंने मैच की गति को धीमा करने की कोशिश की, लेकिन इससे युवा खिलाड़ी की लय नहीं टूटी। जोकोविच ने शॉट्स की स्पीड बढ़ाई, लेकिन उनकी यह तरकीब भी काम नहीं आई। अल्कारेज ने शॉट दर शॉट, वॉली दर वॉली, सर्विस दर सर्विस उनकी बराबरी की।