Wrestler Protest in Jantar Mantar: कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ पहलवानों की याचिका में नया मोड़ आ गया है। 26 अप्रैल को सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सीजेआई चंद्रचूड़ की कोर्ट में अर्जी लगाई और कहा कि इस मामले में एफआईआर से पहले प्राथमिक जांच होनी चाहिए।
SG ने क्या दलील दी?
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ से कहा, ‘लॉर्डशिप, मैं आपको बस इसलिये परेशान कर रहा हूं कि एफआईआर से पहले कुछ प्राथमिक इंक्वायर जरूर होनी चाहिए…FIR से पहले कुछ मुद्दों की जांच जरूरी है’।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने क्या जवाब दिया
तुषार मेहता की दलील पर सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जानते हैं मिस्टर सॉलिसिटर, हम तब तक कोई कदम नहीं उठाते जब तक हमारे कोई मैटेरियल ना हो…। आपके पास जो भी दस्तावेज हैं, शुक्रवार तक जमा करें…इस पूरे मामले में एक माइनर इन्वॉल्व है और बहुत गंभीर है’।
सिब्बल बोले- हमारे पास भी एफिडेविट
उधर, पहलवानों की तरफ से पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने कहा कि हमारे पास भी एक अन्य एफिडेविट है, जिसमें यह बताया गया है कि इसके बाद क्या क्या हुआ है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी है।
बृजभूषण शरण पर यौन शोषण का आरोप
इसे पहले 25 अप्रैल को पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष बृज भूषण शरण सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। याचिकाकर्ताओं में एक नाबालिग भी शामिल है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि यह बहुत गंभीर मामला है और कोर्ट इसको देखेगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
एफआईआर दर्ज होने से नाराज हैं पहलवान
देश के स्टार पहलवान 23 अप्रैल से जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे हैं। उनका आरोप था कि दिल्ली पुलिस बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला खिलाड़ियों के यौन शोषण की एफआईआर दर्ज नहीं कर रही है। साथ ही उन्होंने निगरानी कमेटी (ओवरसाइट कमेटी) की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग की थी।
ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक ने कहा था कि वो चाहती हैं दिल्ली पुलिस सख्त कदम उठाते हुए एफआईआर दर्ज करें। उन्होंने न्यायपालिका पर भरोसा जताया और कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कोर्ट में उन्हें इंसाफ जरूर मिलेगा। बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट ने भी मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के कदम का स्वागत किया था और इसके लिए सीजेआई को धन्यवाद कहा था।