भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) का चुनाव टल गया है। पहले चुनाव 5 जुलाई को होने थे, लेकिन अब यह पांच दिन की देरी यानी 11 जुलाई को होंगे। भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की तदर्थ समिति (ad-hoc committee) ने पांच अमान्य प्रदेश ईकाइयों की दलीलें सुनने के बाद बुधवार को यह फैसला लिया। यह भी पता चला है कि कुछ सदस्यों ने पूर्व डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के परिवार के सदस्यों को चुनाव में मतदान करने की अनुमति दिए जाने की संभावना पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने आरोप लगाया कि उनकी राज्य संघ में ‘अवैध तरीके से नियुक्ति’ हुई है।
पूरी चुनाव प्रक्रिया यानी इलेक्टोरल कॉलेज के गठन से लेकर सभी पदों के लिए नामांकन दाखिल करने और मतदान को पांच दिन आगे धकेल दिया गया है। तीन सदस्यीय तदर्थ समिति में सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एमएम कुमार शामिल हैं। उनसे महाराष्ट्र, हरियाणा, तेलंगाना, राजस्थान और हिमाचल प्रदेश पांच प्रदेश इकाइयों ने संपर्क किया था।
राज्य इकाइयों ने क्या कहा
राज्य इकाइयों ने दावा किया कि उन्हें डब्ल्यूएफआई ने गलत तरीके से उनका मान्यता रद्द किया था, जब इसका नेतृत्व बृजभूषण कर रहे थे, जिन पर दिल्ली पुलिस ने यौन उत्पीड़न के आरोप में केस दर्ज किया है। तदर्थ समिति ने बुधवार को राज्य इकाइयों को बैठक के लिए बुलाया था। सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि आधा दर्जन और राज्यों ने बृजभूषण के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए हैं।
बृजभूषण पर बड़ा आरोप
एक सूत्र ने कहा, ” लगभग 10-11 राज्य इकाइयों ने दावा किया है कि जब बृजभूषण डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष थे तो उन्होंने उनकी मान्यता या तो अवैध रूप से रद्द कर दी या उनकी सदस्यता छीन ली थी। अगले 3-4 दिनों में, रिटर्निंग अधिकारी सभी मामलों को धैर्यपूर्वक सुनेंगे और निर्णय लेंगे कि उनमें से कौन से महासंघों को डब्ल्यूएफाई के चुनावों में मतदान करने की अनुमति दी जाएगी।”
बृजभूषण के दामाद के नाम पर आपत्ति
द इंडियन एक्सप्रेस को पता चला है कि बृजभूषण के दामाद विशाल सिंह का नाम मतदाता सूची में शामिल करने पर आपत्ति जताई गई है। विशाल, बिहार कुश्ती संघ (BWA) के अध्यक्ष हैं। हालांकि, महासंघ के पूर्व पदाधिकारियों ने इस प्रक्रिया की देखरेख करने वाले तदर्थ निकाय को बताया है कि जब 2018 में बीडब्ल्यूए को भंग कर दिया गया था, तो नियमों का उल्लंघन हुआ था।
रिटर्निंग ऑफिसर लेंगे फैसला
यदि रिटर्निंग ऑफिसर उनकी अपील को सही मानते हैं, तो बृजभूषण के दामाद आगामी चुनाव में मतदान करने के पात्र नहीं होंगे। देरी का मतलब है कि डब्ल्यूएफआई चुनाव अब 7 जून को प्रदर्शनकारी पहलवानों के साथ बैठक के बाद खेल मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा निर्धारित प्रारंभिक 30 जून की समय सीमा के 11 दिन बाद होंगे।
बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट की होगी बड़ी भूमिका
बैठक के दौरान यह निर्णय लिया गया था कि बृजभूषण के परिवार से किसी को भी प्रमुख पदों के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके अलावा बजरंग पूनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगाट को यह तय करने में बड़ी भूमिका होगी कि अध्यक्ष, महासचिव और कोषाध्यक्ष के पद पर कौन रहेगा। डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष के रूप में 12 साल पूरे करने के बाद बृजभूषण, जिन पर सात महिला पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया है, राष्ट्रीय खेल संहिता में सरकार के दिशानिर्देशों के कारण दूसरे कार्यकाल के लिए मैदान में नहीं हैं।