एशियाई ओलंपिक परिषद (OCA) एशियाई खेलों के लिए भारतीय कुश्ती टीम के नाम भेजने के लिए 15 जुलाई की समय सीमा और आगे बढ़ाने के भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) के अनुरोध को ठुकरा सकता है। यह रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (WFI) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले पहलवानों के लिए बड़ा झटका हो सकता है। ऐसा हुआ तो उनको बिना तैयारी के ट्रायल देने होंगे क्योंकि लंबे समय तक चले प्रदर्शन के कारण उन्हें अभ्यास का समय नहीं मिला।

एशियाई खेल चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से होने हैं और आईओए को खिलाड़ियों के नाम 15 जुलाई तक देने हैं। विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत प्रदर्शनकारी पहलवान ट्रायल की तैयारी करना चाहते थे, जिसकी वजह से उन्होंने खेल मंत्रालय से ट्रायल अगस्त में कराने की गुजारिश की थी।

ओसीए के लिये आईओए के अनुरोध को मानना कठिन

आईओए ने शुक्रवार को पहलवानों की ओर से ओसीए से बात की। एक सूत्र ने बताया कि ओसीए के लिये आईओए के अनुरोध को मानना कठिन होगा। उन्होंने कहा कि चूंकि राष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने अनुरोध किया है तो ओसीए इस मामले पर विचार करेगा। हालांकि, सूत्र ने कहा कि ओसीए किसी देश की स्थानीय राजनीति में नहीं पड़ना चाहता।

ओसीए के सामने क्या है चुनौती

सूत्र ने कहा,‘‘ओसीए को 40 खेल विधाओं में 45 देशों को एशियाई खेलों में देखना है। ऐसे में आईओए का कुश्ती के लिये समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध मानना उसके लिये मुश्किल होगा। चार पांच दिन की बात होती तो गौर किया जा सकता था, लेकिन 40-45 दिन के लिये समय सीमा बढ़ाना मुश्किल है।’’

महासंघ के चुनाव की तैयारी में जुटी तदर्थ समिति

भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव की तैयारी में जुटी भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने सोमवार को पांच विवादित प्रदेश ईकाइयों को 21 जून को सुनवाई के लिये बुलाया है और मतदाता सूची तैयार करने के लिये नामांकन जमा करने की तारीख भी दो दिन के लिये बढ़ा दी है । प्रदेश ईकाइयों को मतदाता सूची तैयार करने के लिये नाम भेजने की तारीख 19 जून दी गई थी, जो बढ़ाकर 21 जून कर दी गई है ।

नामांकन की सीमा बढ़ाई गई

महाराष्ट्र, तेलंगाना, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान की अमान्य ईकाइयों ने हाल ही में तदर्थ समिति से संपर्क करके दावा किया था कि वे मतदाता सूची में सदस्यों को नामित करने के पात्र हैं और छह जुलाई को होने वाले चुनाव में उन्हें भाग लेने का अधिकार है। सहायक निर्वाचन अधिकारी तापस कुमार भट्टाचार्य द्वारा जारी एक सूचना में कहा गया ,‘‘ निर्वाचन अधिकारी ने उक्त प्रतिनिधियों को सुनवाई के लिये 21 जून को तीन से चार बजे के बीच बुलाया है। इसके लिये मतदाता सूची तैयार करने के लिये नामांकन भेजने की सीमा बढ़ाकर 21 जून को रात 12 बजे तक कर दी गई है ।’’

चुनाव रद्द हुए थे

समझा जाता है कि डब्ल्यूएफआई के निवर्तमान महासचिव वी एम प्रसूद भी सुनवाई के दौरान मौजूद रहेंगे। डब्ल्यूएफआई ने हरियाणा और महाराष्ट्र की प्रदेश ईकाइयों को जून 2022 में भंग करके नयी ईकाइयों को नियुक्त किया था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार की अध्यक्षता वाली महाराष्ट्र ईकाई ने बंबई उच्च न्यायालय की शरण ली थी, जिसने प्रदेश ईकाई को भंग करने के डब्ल्यूएफआई के फैसले को अवैध करार देकर 31 जुलाई को हुए चुनाव भी रद्द कर दिये थे।

हिमाचल प्रदेश ईकाई के चुनाव जनवरी में होने थे

डब्ल्यूएफआई अधिकारियों ने हरियाणा ईकाई को भंग कर दिया था क्योंकि पदाधिकारी अपने कार्यकाल से अधिक समय तक जमे हुए थे और प्रदेश ईकाई पूरी तरह से निष्क्रिय थी। हिमाचल प्रदेश ईकाई के चुनाव इस साल जनवरी में होने थे लेकिन कुश्ती में जारी घमासान के कारण नहीं हो सके । समझा जाता है कि अधिकांश प्रदेश ईकाइयों ने मतदाता सूची तैयार करने के लिये अपने सदस्यों के नाम भेज दिया हैं । दिल्ली अमैच्योर कुश्ती संघ के प्रतिनिधि अध्यक्ष ओलंपियन जय प्रकाश और महासचिव रमेश पहलवान होंगे ।