अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति (International Olympic Committee) ने भारतीय ओलंपिक संघ (Indian Olympic Association) के सीईओ (CEO) या महासचिव (Secretary-General) की नियुक्ति में देरी पर चिंता जताई है। इसके साथ ही देश में कुश्ती महासंघ (Wrestling Federation) के मसले को यूडब्ल्यूडब्ल्यू (UWW) से मिलकर पहलवानों के मुद्दे को भी जल्द सुलझाने को कहा है। आईओसी (IOC) ने बुधवार 21 जून 2023 को कार्यकारी बोर्ड की बैठक में कड़ा बयान जारी किया।
इस बैठक में उसे भारत के अलावा अफगानिस्तान, ग्वाटेमाला और सूडान की राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों की स्थिति से भी अवगत कराया गया। आईओसी ने बयान में कहा, ‘भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति (एनओसी) को कई बार नए सीईओ या महासचिव की नियुक्ति के लिए कहा गया, ताकि स्थिति सामान्य हो, लेकिन अब तक यह प्रक्रिया पूरी नहीं हुई है। आईओसी हालात पर नजर रखे हुए है।’
अंतरराष्ट्रीय महासंघों के नियमों और निर्देशों के अनुरूप निकालें भारतीय कुश्ती महासंघ से जुड़े मसले का हल
आईओसी ने आईओए से अंतरराष्ट्रीय खेल महासंघों के साथ मिलकर देश के खेल महासंघों को प्रभावित करने वाले मसलों से निपटने के लिए कहा है। पिछले दो महीने में भारतीय कुश्ती चर्चा में रही है, जब ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक समेत शीर्ष भारतीय पहलवान रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के निवर्तमान अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं।
आईओसी ने कहा, ‘भारत की एनओसी से अनुरोध है कि अंतरराष्ट्रीय महासंघों से मिलकर देश के खेल महासंघों को प्रभावित करने वाले मसलों का अंतरराष्ट्रीय महासंघों के नियमों और निर्देशों के अनुरूप हल निकालें। खासकर भारतीय कुश्ती महासंघ से जुड़े मसले का।’
IOA को 1 महीने में करनी थी CEO की नियुक्ति
आईओसी ने इस साल मार्च में कहा था कि आईओए को बिना किसी विलंब के सीईओ की नियुक्ति करनी होगी। इसके साथ ही आईओसी 2023 सत्र मुंबई में कराने का भी ऐलान किया था। उच्चतम न्यायालय द्वारा नियुक्त समिति द्वारा बनाए गए नए संविधान के अनुसार, आईओए को पीटी उषा की अगुआई में नए पदाधिकारियों के पद संभालने के एक महीने के भीतर सीईओ की नियुक्ति करनी थी जो महासचिव का काम करेगा।
आईओए की नई परिषद ने दिसंबर 2022 में कार्यभार संभाल लिया था, लेकिन सात महीने बाद भी सीईओ की नियुक्ति नहीं की गई। आईओए महासचिव कल्याण चौबे सीईओ का काम कर रहे हैं। सीईओ आईओए की कार्यकारी परिषद का सदस्य होगा जिसे मताधिकार नहीं होगा।
CEO के लिए यह है पात्रता मानदंड
उषा ने मार्च में कहा था कि आईओए ने सीईओ की नियुक्ति के लिए मानदंड तय किए थे लेकिन केवल एक आवेदक को इस पद के लिए योग्य पाया गया था। उन्होंने कहा था कि उन्हें और आवेदनों की जरूरत है और आईओए इस पद के लिए दोबारा विज्ञापन देगा।
सीईओ के पद के लिए पात्रता मानदंडों में से एक यह है कि उम्मीदवार को कम से कम 25 करोड़ रुपए सालाना कारोबार करने वाली कंपनी/इकाई के सीईओ के रूप में कम से कम से 10 साल का अनुभव होना चाहिए। संशोधित IOA संविधान के अनुच्छेद 15.3 में यह भी कहा गया है कि CEO को एक नामांकन समिति द्वारा प्रस्तावित किया जाएगा जिसमें IOA अध्यक्ष, एथलीट आयोग के अध्यक्ष और भारत से एक IOC सदस्य शामिल होंगे।