जिस उम्र में लोग क्रिकेट खेलना छोड़ देते हैं उस उम्र में वसीम जाफर युवा खिलाड़ियों के साथ रणजी ट्रॉफी खेल रहे हैं और सिर्फ खेल ही नहीं रहे बल्कि लगातार रन भी बना रहे हैं। 16 फरवरी 1978 को मुंबई में जन्मे इस दिग्गज बल्लेबाज का आज 41वां जन्मदिन है। यूं तो जाफर ने अपने नाम ढेरों फर्स्ट क्लास रिकॉर्ड किए हैं। लेकिन एक रिकॉर्ड ऐसा है जिसे जाफर के अलावा कोई अन्य खिलाड़ी अपने नाम शायद ही कर पाए। वो है 10 में 10 रणजी ट्रॉफी खिताब जीतने का रिकॉर्ड। जाफर ने अब तक अपने रणजी करियर में 10 फाइनल खेले हैं और सभी जीते हैं।

इतना ही नहीं सबसे ज्यादा रणजी खिताब जीतने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट में वे दिलीप सरदेसाई के साथ पांचवे नंबर पर हैं। जाफर से ज्यादा अशोक माकंड ने (12) अजीत वाडेकर (11), मनोहर हार्दिकर (11) और दिलीप सरदेसाई (10) ने खिताब जीते हैं। जाफर ने अपने 22 साल के रणजी करियर में 10 फाइनल खेले हैं। जाफर 1996-97 से 2012-13 के बीच 8 बार रणजी ट्रोफी खिताब जीतने वाली मुंबई टीम का हिस्सा रहे और अब लगातार दो बार से उन्होंने विदर्भ को खिताब जितवाने में अहम भूमिका निभाई है। इस रणजी सीजन में उन्होंने 11 मैचों में 69.13 के औसत से 1037 रन बनाए। जिसमें चार शतक भी शामिल हैं। जाफर को फर्स्ट क्लास क्रिकेट का सचिन भी कहा जाता है। जाफर ने 252 फर्स्ट क्लास मैचों में 51.19 के औसत से 19147 रन बनाए हैं। जिसमें 57 शतक और 88 अर्धशतक शामिल हैं। ये फर्स्ट क्लास क्रिकेट में किसी भी बल्लेबाज द्वारा बनाए गए सबसे ज्यादा रन हैं।

जाफर का अंतरराष्ट्रीय करियर ज्यादा लम्बा नहीं चला। राहुल द्रविड़, गौतम गंभीर और वीरेंदर सहवाग जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के चलते वे कभी टीम में वापसी नहीं कर पाए। जाफर के बल्लेबाजी करने का स्टाइल थोड़ा हटके था। वे विकेट में खड़े रहकर देर तक बल्लेबाजी करते थे और धीमी गति से रन बनाते थे। जाफर कितने प्रतिभाशाली हैं यह सभी जानते हैं। जाफर ने भारत के लिए 31 टेस्‍ट मैचों में 34.10 के औसत से 1944 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 5 शतक और 11 अर्धशतक लगाए। जाफर ने अपना आखिरी टेस्‍ट मैच 2008 में खेला था, यह उनका आखिरी अंतरराष्ट्रिय मैच था।