ऑस्ट्रेलिया ने वर्ल्ड क्रिकेट को कई दिग्गज खिलाड़ी दिए हैं, जिनमें ग्लेन मैक्ग्रा का नाम बड़ी ही शान से लिया जाता है। मैक्ग्रा को उनकी सटीक लाइन और लेंथ गेंदबाजी के लिए याद किया जाता है। यही वजह है कि वह टेस्ट में तेज गेंदबाज के तौर पर 500 से ज्यादा विकेट लेने में कामयाब रहे। उनकी गेंदबाजी की धार ऐसी थी कि दुनिया के महानतम बल्लेबाजों को भी चकमा दे देती थी।  पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज गेंदबाज ग्लेन मैक्ग्रा आज 49 साल के हो गये हैं। इस मौके पर जानते हैं ग्लेन मैक्ग्रा से जुड़ी वो 5 बातें, जो उन्हें बनाती हैं दुनिया का महान तेज गेंदबाज….

मैक्ग्रा 9 फरवरी 1970 में न्यू साउथ वेल्स में पैदा हुए थे। उन्होंने अपनी शानदार गेंदबाजी के दम पर दुनिया के तमाम क्रिकेट फैंस के दिलों पर राज किया। मैक्ग्रा ने साल 1993 में ऑस्ट्रेलिया के लिए क्रिकेट खेलना शुरू किया था।

मुरलीधरन (1347), शेन वॉर्न (1001) और अनिल कुंबले (956) के बाद मैक्ग्रा क्रिकेट इतिहास में सर्वाधिक विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज हैं। वर्ल्ड कप में सर्वाधिक 71 विकेट चटकाने के उनके रिकॉर्ड को आजतक कोई नहीं तोड़ पाया है।

ग्लेन मैक्ग्रा के नाम ‘शून्य’ पर सबसे ज्यादा बल्लेबाजों को आउट करने का रिकॉर्ड दर्ज है। उन्होंने कुल 104 बल्लेबाजों को बिना खाता खोले ही पवेलियन वापस भेजा है। इस मामले में दूसरे नंबर श्रीलंकाई ऑफ स्पिनर मुथैया मुरलीधऱन हैं जिन्होंने 102 बल्लेबाजों को ‘डक’ पर आउट किया है।

बतौर तेज गेंदबाज ग्लेन मैग्रा टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में दूसरे नंबर पर हैं। उनके नाम  कुल 124 टेस्ट मैचों में 563  विकेट दर्ज हैं। इस दौरान उनका गेंदबाजी का औसत 21.64 रहा है। उन्होंने अपने टेस्ट करियर के दौरान कुल 29 बार 5 या उससे ज्यादा विकेट लिए हैं।

पूर्व ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज ने वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड हैं। मैग्रा ने 4 वर्ल्ड कप खेले हैं इस दौरान उन्होंने 39 मैचों में 71 विकेट लिए। इसके अलावा वर्ल्ड कप में एक पारी में सबसे ज्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड भी मैक्ग्रा के नाम है। उन्होंने 2003 वर्ल्ड कप में नामीबिया के खिलाफ 15 रन देकर 7 खिलाड़ियों को आउट किया था।