बंगाल के खेलमंत्री मनोज तिवारी ने शुक्रवार को वह उपलब्धि हासिल की जो रणजी ट्रॉफी में 88 साल में कोई और नहीं कर सका और वह प्रदेश के खेलमंत्री रहते शतक जड़ने वाले पहले खिलाड़ी बन गए। बंगाल ने झारखंड के खिलाफ पहली पारी की विशाल बढत के आधार पर सेमीफाइनल में जगह बना ली । पांचवें दिन का खेल औपचारिकता मात्र था जिसमें तिवारी ने 136 रन बनाए।

अपने क्षेत्र से जुड़ी फाइलों पर दस्तखत करने के साथ तिवारी ने मैदान पर बल्लेबाजी के जलवे दिखाते हुए अपनी पारी में 19 चौके और दो छक्के लगाए। शाहबाज अहमद ने 46, अनुस्तूप मजूमदार ने 38 और अभिषेक पोरेल ने 34 रन बनाए। तीनों ने पहली पारी में भी बड़े स्कोर बनाए थे । एकतरफा क्वार्टर फाइनल में बंगाल ने पहली पारी में सात विकेट पर 773 रन बनाए थे और उसके नौ बल्लेबाजों ने अर्धशतक जड़कर प्रथम श्रेणी क्रिकेट के 250 साल के इतिहास में नया रिकॉर्ड बनाया था।

झारखंड के लिए शाहबाज नदीम ने 59 रन देकर पांच विकेट लिए। वहीं पहली पारी में विराट सिंह ने 136 रन बनाए थे। सेमीफाइनल में बंगाल का सामना मध्यप्रदेश से होगा। वहीं दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई की टक्कर उत्तर प्रदेश से होगी। दोनों मैच 14 जून से खेले जाएंगे। बंगाल के 36 वर्षीय पूर्व कप्तान विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी में शामिल हुए थे। उन्होंने 2021 में भाजपा के रथिन चक्रवर्ती को हराकर शिबपुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की थी।

मनोज वर्तमान में ममता बनर्जी के नेतृत्व वाले पश्चिम बंगाल की सरकार में खेल और युवा मामलों के मंत्री हैं। इससे पहले 2021 में उनको टूर्नामेंट के स्थगित होने से पहले रणजी ट्रॉफी के लिए 21 सदस्यीय बंगाल टीम में शामिल किया गया था। वह 2020 में सौराष्ट्र के खिलाफ बंगाल के रणजी ट्रॉफी फाइनल का हिस्सा थे।

तिवारी इससे पहले सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2021 में खेले थे। उन्होंने 2015 में अपनी आखिरी बार भारत के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेला। उन्होंने टीम इंडिया के लिए 12 एकदिवसीय और 3 टी 20 आई खेले। तिवारी ने 125 प्रथम श्रेणी मैच और 163 लिस्ट ए मैच खेले हैं, जिसमें घरेलू क्रिकेट में 14000 से अधिक रन बनाए हैं।