भारत ने बीजिंग विंटर ओलंपिक 2022 के उद्घाटन और समापन समारोह का बहिष्कार किया है। भारतीय प्रतिनिधि कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे और दूरदर्शन (Doordarshan) पर ओपनिंग ओर क्लोजिंग सेरेमनी का प्रसारण नहीं किया जाएगा।

दरअसल, चीन ने गलवान घाटी संघर्ष में शामिल अपने देश की सेना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के एक सैन्य कमांडर को ओलंपिक मशाल वाहक के तौर पर सम्मानित किया। इसके बाद भारत ने फैसला लियाा कि बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी 2022 शीतकालीन ओलंपिक (2022 Beijing Winter Olympics) के उद्घाटन और समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।

उधर, एक शीर्ष अमेरिकी सांसद ने चीन की इस हरकत को शर्मनाक करार दिया है। अमेरिकी सीनेट की विदेश मामलों की समिति के रैंकिंग सदस्य रिपब्लिकन सीनेटर जिम रिस्च ने साथ ही यह भी कहा कि अमेरिका भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।

जिम ने ट्वीट किया, ‘यह शर्मनाक है कि बीजिंग ने ओलंपिक 2022 मशाल धारक ऐसे व्यक्ति को चुना जो उस सैन्य कमान का हिस्सा था जिसने 2020 में भारत पर हमला किया था। उइगर मुस्लिमों का नरसंहार कर रहे हैं। अमेरिका उइगर स्वतंत्रता और भारत की संप्रभुता का समर्थन जारी रखेगा।’

इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने सैन्य कमांडर को इस तरह से सम्मानित करने के चीन के कदम को ‘अफसोसनाक’ करार दिया। 2022 शीतकालीन ओलंपिक 4 से 22 फरवरी के बीच चीन की राजधानी बीजिंग में खेले जाने हैं।

बागची ने सप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ‘बीजिंग में भारतीय दूतावास के प्रभारी बीजिंग 2022 शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन या समापन समारोह में शामिल नहीं होंगे।’ पीएलए के गलवान घाटी के कमांडर को शीतकालीन ओलंपिक मशाल देकर चीन द्वारा सम्मानित करने के बारे में पूछने पर बागची ने कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर रिपोर्ट देखी है। यह अफसोस की बात है कि चीन ने ओलंपिक जैसे आयोजन का राजनीतिकरण करना चुना।’

बता दें कि गलवान घाटी में 15 जून 2020 को संघर्ष में शामिल पीएलए के रेजीमेंट कमांडर को बीजिंग ने शीतकालीन ओलंपिक के मशाल वाहक के रूप में चुना है। 15 जून 2020 को गलवान घाटी में संघर्ष के बाद पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद बढ़ गया था। इस संघर्ष में भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हुए थे। पिछले साल फरवरी में चीन ने आधिकारिक रूप से स्वीकार किया था कि उसके पांच सैन्य अधिकारी और जवान शहीद हुए थे।

चीन की इस हरकत के बाद भारत ने यूएनएससी में एक बैठक में भी अपना पक्ष रखा। भारतीय राजनायिकों ने कहा, मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि इस क्षेत्र और बाहर भारत हमेशा बातचीत के रास्ते स्थिरता लाने को शांतिपूर्ण समाधान चाहता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने अन्य कई मुद्दों पर भी जवाब दिए।

उन्होंने अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) के 17 साल के मीराम तारौन के साथ चीन के सलूक पर कहा कि हम यही कहना चाहते हैं कि हमने इस मामले को चीन के साथ उठाया है। इस मामले को सेना के स्तर पर भी हैंडल किया गया है। अधिक स्पष्टीकरण के लिए आप सैन्य मुख्यालय से संपर्क कर सकते हैं।