इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) से कहा है कि उसे भविष्य में होने वाली 2021 विश्व टी-20 और 2023 वनडे विश्व कप जैसे विश्व प्रतियोगिताओं के आयोजन के लिए 150 करोड़ रुपए के कर की जिम्मेदारी उठानी होगी। बीसीसीआई के प्रतिनिधियों ने आम चुनाव समाप्त होने तक का समय मांगा है, जबकि आईसीसी ने उसे यह समय दे दिया है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) को वैश्विक टूर्नामेंट के आयोजन के लिए सदस्यीय देशों से कर की छूट मिलती है, लेकिन 2016 विश्व टी20 के लिए उसे कोई कर छूट नहीं दी गई क्योंकि भारतीय कर कानून इस तरह की छूट की अनुमति नहीं देता। संयोग से फार्मूला वन रेस के भारत से हटने के कारणों में से कर में छूट मिलना सबसे अहम मुद्दा था।
वैश्विक संस्था और खेल के सबसे अमीर सदस्य बोर्ड के बीच यह मुद्दा अब भी कायम है। हाल में आईसीसी की तिमाही बैठक में भी इस पर चर्चा हुई थी। पता चला है कि आईसीसी चेयरमैन शंशाक मनोहर ने बीसीसीआई से कहा कि इसके नियमों के अनुसार अगर उसे कर में छूट नहीं मिलती है तो भारतीय बोर्ड को कर का दायित्व उठाना होगा।
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा, ‘‘मनोहर ने स्पष्ट रूप से कहा कि कर में छूट के बारे में बीसीसीआई को फैसला करने की जरूरत है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह कर के नियमों से संबंधित है और यह समय के बाद बदल भी सकते हैं तो बीसीसीआई को लगता है कि समझदारी आम चुनावों के खत्म होने तक इंतजार करने में ही होगी और इसके बाद ही फैसला किया जाएगा।’’
अधिकारी के अनुसार, “अनुबंध में ऐसी भी धारा है कि जिसमें अगर मेजबान देश के पास कर में छूट का नियम नहीं है तो प्रायोजकों को भी कर की जिम्मेदारी उठाने के लिये कहा जा सकता है। इसलिए बीसीसीआई अपने अधिकार के अंतर्गत विभिन्न प्रायोजकों को इस भार को उठाने को कह सकता है।” जब सीओए प्रमुख विनोद राय से इस मुद्दे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘कर के नियम काफी पेचीदा हैं। मैं इस मुद्दे पर तभी टिप्पणी करूंगा जब मुझे इसके बारे में सारी जानकारी होगी। हालांकि मुझे नहीं लगता कि इस मुद्दे को निपटाया जा सकता है।’’