भारत के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी और अंडर-19 क्रिकेट टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले राहुल द्रविड़ को बीसीसीआई से निराशा हाथ लगी है। क्रिकेट बोर्ड ने कोचिंग मैनुअल को अपडेट करने की उनकी मांग ठुकरा दी है। बोर्ड ने पुराने मैनुअल को ही जारी रखने का निर्णय लिया है। बीसीसीआई निचले स्तर के क्रिकेट कोच को प्रशिक्षित करने वाले कार्यक्रम को दोबारा शुरू करने पर विचार कर रहा है। द्रविड़ ने कोचिंग मैनुअल को आउटडेटेड (पुराना) करार दिया था, जिसके बाद इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को तीन वर्षों के लिए रोक दिया गया था। द्रविड़ ने तीन साल पहले नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में जूनियर लेवल के कोचों को ट्रेन करने के लिए तैयार मैनुअल को आउटडेटेड करार दिया था। बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया, ‘राहुल द्रविड़ ने जूनियर टीमों का कोच बनाए जाने से पहले ही कोचिंग मैनुअल को अपग्रेड करने की सलाह दी थी। अब उनके पहले आइडिया को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।’ मालूम हो कि द्रविड़ अंडर-19 के साथ इंडिया-ए टीम के भी कोच हैं।
…तो इस वजह से नहीं मानी द्रविड़ की बात: बीसीसीआई द्वारा पुराने कोचिंग मैनुअल का इस्तेमाल करने का फैसला चौंकाने वाला है। बोर्ड ने द्रविड़ के विचार को इसलिए खारिज नहीं किया कि वह उपयोगी नहीं थे, बल्कि कोचिंग मैनुअल समय पर तैयार नहीं हो सका। ऐसे में बोर्ड को पुराने मैनुअल के साथ ही ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने का फैसला करना पड़ा। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक निजी कंपनी को नया मैनुअल तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई थी। कंपनी समय पर अपग्रेडेड मैनुअल तैयार करने में विफल रही, लिहाजा बोर्ड को मजबूरी में पुराने मैनुअल के साथ ही प्रशिक्षण सत्र शुरू करने का फैसला लेना पड़ा। बताया जाता है कि यही कंपनी घरेलू क्रिकेट टूर्नामेंट का कैलेंडर भी तैयार करती है। मालूम हो कि देश में क्रिकेट कोच का पूल तैयार करने के लिए कुछ तौर-तरीके निर्धारित किए गए हैं। इन पर ही जूनियर क्रिकेट को तैयार करने की जिम्मेदारी होती है। ऐसे में इनकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। मौजूदा प्रक्रिया में पारदर्शिता का अभाव है। राहुल द्रविड़ ने इसको लेकर ही सवाल उठाए थे और नया कोचिंग मैनुअल बनाने की सलाह दी थी।
