भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने हाल ही में डोमेस्टिक क्रिकेट का कैलेंडर जारी किया है। खबर है कि इस कैलेंडर को जारी करने के दौरान बीसीसीआई ने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली टेक्नीकल कमेटी (TC) को पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया है। बता दें कि बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक बोर्ड की टेक्नीकल टीम ही देश के डोमेस्टिक कैलेंडर को फाइनल करती रही है। डीएनए इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस बार डोमेस्टिक कैलेंडर जारी करते हुए ना तो सौरव गांगुली और ना ही कमेटी के किसी अन्य सदस्य से सलाह ली गई है।

उल्लेखनीय है कि बीते 17 जुलाई को ही बीसीसीआई ने अपना अब तक का सबसे बड़ा डोमेस्टिक कैलेंडर जारी किया है। इस कैलेंडर की शुरुआत दिलीप ट्रॉफी से होगी, जो कि 17 अगस्त से शुरु होनी है। इसके साथ ही रणजी ट्रॉफी का प्रोग्राम है, जिसे एलीट और प्लेट ग्रुप में बांटा गया है। एलीट ग्रुप की बात करें तो इसमें 3 सब-ग्रुप A, B और C होंगे। ए और बी ग्रुप में 9-9 टीमें होंगी, वहीं सी ग्रुप में 10 टीमें शामिल की जाएंगी। प्लेट ग्रुप में एक सब-ग्रुप डी होगा, जिसमें 9 टीमें होंगी। इस ग्रुप में ही उत्तर-पूर्व की 6 टीमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड और सिक्किम शामिल होंगी। वहीं बाकी टीमें बिहार, पुडुचेरी और उत्तराखंड की होंगी। इस तरह रणजी में कुल 37 टीमें 2000 से ज्यादा मैच खेलेंगी। बीसीसीआई के नियमों के मुताबिक एलीट ग्रुप ए और बी से 5 टीमें, एलीट ग्रुप सी से 2 टीमें और प्लेट ग्रुप से एक टीम क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई करेगी। क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालिफाई करने वाली प्लेट ग्रुप की टीम को अगले सीजन में एलीट ग्रुप ए और बी में जगह दी जाएगी।

बीसीसीआई के सूत्रों के अनुसार, सौरव गांगुली की अध्यक्षता वाली टेक्नीकल कमेटी ने कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन (सीओए) को रणजी के नए मॉडल से संबंधित अपनी सलाह दी थी। लेकिन रणजी का नया मॉडल टेक्नीकल कमेटी द्वारा दी गई सलाह पर आधारित नहीं है। बताया जा रहा है कि टेक्नीकल कमेटी चाहती थी कि उत्तर-पूर्व, बिहार और उत्तराखंड की टीमों को पहले विभिन्न एज ग्रुप वाले टूर्नामेंट्स में खिलाया जाए और उसके बाद उन्हें रणजी ट्रॉफी में खेलने का मौका दिया जाए। बता दें कि छत्तीसगढ़ को रणजी सीजन 2016-17 में खिलाने से पहले इसी तरह विभिन्न एज ग्रुप के टूर्नामेंट्स में खिलाया गया था। चूंकि 18 जुलाई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में देश के प्रत्येक राज्य को समान मौका देने की बात कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि सीओए ने ऑपरेशन जनरल मैनेजर सबा करीम और डोमेस्टिक क्रिकेट इंचार्ज और सीईओ राहुल जौहरी को टेक्नीकल कमेटी की सलाह के बगैर ही डोमेस्टिक क्रिकेट का कैलेंडर जारी करने को कहा है।