वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में टीम इंडिया की हार की सबसे बड़ी वजह उनकी बल्लेबाजी रही। पहली पारी हो या फिर दूसरी पारी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों के आगे संघर्ष करते हुए दिखे। टॉप ऑर्डर में अजिंक्य रहाणे को छोड़कर कोई भी भारतीय बल्लेबाज ऑस्ट्रेलियाई बॉलिंग अटैक के आगे सहज होकर बल्लेबाजी करता नहीं दिखा।
इन बल्लेबाजों ने किया निराश
WTC Final में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोहित शर्मा, चेतेश्वर पुजारा और विराट कोहली ने सबसे ज्यादा निराश किया। भारत की हार के बाद कप्तान से लेकर कोच तक सवाल किए जा रहे हैं, लेकिन बैटिंग कोच विक्रम राठौर से कहीं कोई सवाल नहीं किया जा रहा।
2019 के बाद से बल्लेबाजी कोच हैं विक्रम राठौर
टीम इंडिया के बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर 2019 के बाद से टीम के बैटिंग कोच हैं। विक्रम राठौर को 2019 वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में भारत की हार के बाद टीम का बल्लेबाजी कोच बनाया गया था। उन्हें संजय बांगड़ की जगह यह जिम्मेदारी मिली थी, लेकिन उनके बल्लेबाजी कोच बनने के बाद से भारतीय बल्लेबाजों के प्रदर्शन में गिरावट ही देखी गई है। खासकर एशिया के बाहर टेस्ट फॉर्मेट में भारतीय बल्लेबाजों का औसत गिरा ही है।
रोहित का औसत है ठीकठाक
विक्रम राठौर 2019 में बल्लेबाजी कोच बने हैं और 2020 के बाद से विदेशी जमीं पर भारत के टॉप ऑर्डर के ज्यादातर बल्लेबाजों का औसत गिरा है। इनमें विराट कोहली, चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे जैसे बल्लेबाजों का नाम शामिल है, जिनका औसत 30 से भी कम रहा है। हालांकि भारतीय टॉप ऑर्डर में इस दौरान रोहित शर्मा का औसत फिर भी 41 के करीब काफी अच्छा रहा है, लेकिन रोहित अब कुछ समय से हर फॉर्मेट में आउट ऑफ फॉर्म चल रहे हैं।
इन बल्लेबाजों के औसत में आई गिरावट
2020 के बाद से एशिया के बाहर टेस्ट क्रिकेट में विराट कोहली ने 28.1 की औसत से 646 रन बनाए हैं। अजिंक्य रहाणे ने 28.7 की औसत से 803 रन बनाए हैं तो वहीं पुजारा ने 27.9 की औसत से 865 रन बनाए हैं। ऋषभ पंत का भी औसत 40 से नीचे हैं। हालांकि वह 6 महीने से क्रिकेट से दूर हैं, लेकिन अन्य बल्लेबाजों के औसत में आई इस गिरावट के लिए बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौर पर सवाल होने लाजमी हैं। इसके लिए उनकी जवाबदेही भी बनती है।