भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने मंगलवार को ओलंपिक कोटा विजेता सभी छह पहलवानों को चयन ट्रायल से छूट दे दी है। इसके बाद इसे लेकर अलग-अलग रिएक्शन आ रहे हैं। ओलंपिक मेडलिस्ट योगेश्वर दत्त ने इस फैसले को सही बताया। हालांकि टोक्यो ओलंपिक के मेडलिस्ट बजरंग पूनिया ने योगेश्वर दत्त को दोगला बताया। उन्होंने आरोप लगाया कि योगेश्वर अपने दिए बयान से पलट गए।
बजरंग पूनिया ने लगाए आरोप
बजरंग पूनिया ने एक्स पर लिखा, ‘नयी WFI कमेटी इस बात से सहमत है कि ओलंपिक कोटा विजेताओं के ट्रायल आयोजित करने की पुरानी WFI की नीति गलत थी। जब महिला पहलवान आंदोलन कर रही थीं तब क्या योगेश्वर दत्त जैसे लोग यह आरोप नहीं लगा रहे थे कि महिला पहलवान इसलिए विरोध कर रही हैं क्योंकि ये ट्रायल नहीं देना चाहतीं।’
एक्स पर लिखा, ‘अब ये भाईसाब कह रहे हैं कि ट्रायल न कराना ही सबसे अच्छा तरीक़ा है। एशियन गेम्स के लिए जब मेरा नाम फेडरेशन ने डाला था तो योगेश्वर जी खुलकर मेरा विरोध कर रहे थे। अब बृजभूषण के गुर्गे संजय सिंह की फेडरेशन का हिस्सा बनते ही कह रहे हैं कि ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे।’
योगेश्वर दत्त ने फैसले को सही बताया
योगेश्वर दत्त ने डब्ल्यूएफआई के फैसले के बारे में बात करते हुए कहा था, ‘रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष संजय सिंह, फ्रीस्टाइल कोचेज की मौजूदगी में बैठक हुई और इसमें यही फैसला हुआ कि जिसने कोटा हासिल किया वही ओलंपिक जाते थे और वही इस बार भी होगा। अभी समय कम है। सिर्फ समय की ही बात नहीं है अब तक जो होता आया है उससे कुश्ती को फायदा मिला है। आप देखिए रेसलिंग में भारत को 2008, 2012, 2016 और 2021 में मेडल हासिल किए।’
बजरंग पूनिया को छूट देने पर योगेश्वर दत्त ने उठाए थे सवाल
एशियन गेम्स 2023 के दौरान बजरंग पूनिया को ट्रायल्स से छूट दी गई थी। इसके बाद योगेश्वर दत्त ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ धरना देने वालों पर सवाल उठाए थे। उन्होंने कहा था, ‘पता नहीं किसने ऐसा क्राइटेरिया बनाया है कि धरने पर बैठे छह पहलवान सीधे फाइनल ट्रायल में हिस्सा लेंगे। अगर ऐसे ही ट्रायल लेना है तो इन पहलवानों के अलावा ओलंपिक में मेडल विजेता रवि दहिया, दीपक पुनिया, अंशु मलिक, सोनल मलिक हैं, ये पहलवान देश के एक नंबर के पहलवान हैं, उन्हें भी मौका दिया जाए… सिर्फ छह ही पहलवानों को छूट देना मेरे हिसाब से गलत है।’