Babita Phogat on Vinesh Phogat: पूर्व भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट कांग्रेस के टिकट पर हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ रही हैं। वहीं दूसरी तरफ उनकी बहन बबीता फोगाट बीजेपी के साथ जुड़ी हुई हैं, लेकिन इस बार उन्हें टिकट नहीं मिला और वह चुनाव नहीं लड़ रही हैं। बबीता फोगाट ने साल 2019 में चुनाव लड़ा था, लेकिन वह जीत हासिल नहीं कर पाई थीं। शुक्रवार को एक टीवी कार्यक्रम के दौरान बबीता फोगाट ने बताया कि विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जब रेसलर्स के खिलाफ हुए यौन-शोषण को लेकर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे, तब उन्हें इसे कब खत्म कर देना चाहिए था ना कि इसे लंबा खींचना चाहिए था।

FIR होते ही खत्म कर देना चाहिए था प्रोटेस्ट

बबीता फोगाट से पूछा गया कि जंतर-मंतर पर महिला पहलवानों के साथ जिस तरह का बर्ताव किया गया क्या वो ठीक रवैया था। इसका जवाब देते हुए बबीता फोगाट ने सवालिया लहजे में कहा कि मेरा ये मानना है कि जिस दिन FIR हो गई थी उसी दिन जंतर-मंतर पर प्रोटेस्ट कर पहलवानों (विनेश फोगाट, बजरंग पूनिया,साक्षी मलिक) को अपना प्रोटेस्ट खत्म कर देना चाहिए था। सभी को इसके बाद घर चले जाना चाहिए था क्योंकि उसके बाद जो इतनी सारी चीजें हुईं वह सारी चीजें अपने-आप में भी बयां करती है कि बात क्या हो रही थी और वो कहां तक जा पहुंची।

अपने खेल को ध्यान में रखते हुए लेना चाहिए था फैसला

बबीता ने आगे कहा कि आपकी लड़ाई उस वक्त के मौजूदा भारतीय कुश्ती संघ के अक्ष्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ थी और आप उसे प्रधानमंत्री तक लेकर चले गए तो मतलब आपका रास्ता क्या है। आप क्या चाहते हैं वो साफ दिख रहा था। एफआईआर होते ही आप उसी दिन अपने घर आ जाते क्योंकि ये लड़ाई कोर्ट में चली गई थी। जब एफआईआर हो गई थी तो फिर आगे कोर्ट में लड़ाई चलनी चाहिए। मेरा ऐसा मानना है कि अन्य खिलाड़ियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए, अपने खेल को ध्यान में रखते हुए कि जिस खेल ने हमें इतनी पहचान दी है उसको ध्यान में रखते हुए निर्णय लेना चाहिए था।

अपने बारे में फैसला करने के लिए हर कोई स्वतंत्र

बबीता से पूछा गया कि क्या विनेश ने राजनीति में आने से पहले आपसे कोई सलाह नहीं ली क्योंकि आप उनकी बहन हैं साथ ही आपके पिता उनके कोच भी हैं। इसका जवाब देते हुए बबीता फोगाट ने कहा कि देखिए मैं एक बात कहना चाहूंगी कि उनके राजनीति में आने से, देखिए हर कोई अपना निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है। कोई भी किसी भी पार्टी को ज्वाइन कर सकता है। ये उनके खुद को विचार हैं और खुद की अपनी सोच है। हो सकता है कि विनेश का कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने का निर्णय पहले से हो। उनका एक और परिवार है और हमारे यहां कहते हैं कि शादी के बाद माता-पिता की ज्यादा दखलअंदाजी किसी के परिवार में नहीं होता है। आपको अपने ससुराल वालों के हिसाब से ही चलना पड़ता है उसमें माता-पिता का कुछ नहीं होता।