ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा ने कहा कि अगर टेस्ट क्रिकेट में बदलाव किया गया तो वह इस प्रारूप से रिटायरमेंट ले लेंगे। उनका मानना है कि गुलाबी गेंदें खराब रोशनी के कारण खेल में आई रुकावटों को रोकने का समाधान नहीं है और अगर खेल के सबसे लंबे प्रारूप में अगर स्थायी बदलाव किया जाता है तो वह संन्यास ले लेंगे। 4 जनवरी को सिडनी में ऑस्ट्रेलिया और पाकिस्तान के बीच तीसरे टेस्ट के दौरान खराब रोशनी की वजह से खेल को रोक दिया गया था। बारिश शुरू होने से 40 मिनट पहले अंपायरों ने लाइट मीटर का उपयोग किए बिना की खेल को रद्द कर दिया था।

पिंक बॉल के स्थाई इस्तेमाल की पक्ष में नहीं हैं उस्मान ख्वाजा

अंपायर के इस फैसले के बाद माइकल वॉन जैसे दिग्गज क्रिकेटरों में निराशा फैल गई जिन्होंने ऐसे कारणों से टेस्ट क्रिकेट में लगातार आई रुकावटों की आलोचना की है। इंग्लैंड के पूर्व कप्तान वॉन ने सुझाव दिया कि इस स्थिति के लिए गुलाबी गेंदों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए और खेल चलना चाहिए। इस घटना के बाद एक बार फिर से इस बात पर बहस छिड़ गई है कि टेस्ट मैचों में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाना चाहिए क्योंकि इससे खराब रोशनी की स्थिति के कारण होने वाली देरी से बचा जा सकता है।

गुलाबी गेंद का समर्थन करने वालों का कहना है कि गुलाबी गेंद कम रोशनी में अधिक दिखाई देती है और खेल को इस स्थिति में जारी रखा जा सकता है। वहीं उस्मान ख्वाजा ने लाल गेंद के महत्व और इसके ऐतिहासिक महत्व पर जोर देते हुए इस तरह के विचार का विरोध किया।

नाइन.कॉम.एयू के हवाले से ख्वाजा ने कहा कि खराब रोशनी जैसी स्थिति से निपटने के लिए गुलाबी गेंद का इस्तेमाल किया जाना कोई समाधान नहीं है। अगर टेस्ट क्रिकेट में गुलाबी गेंद का इस्तेमाल करना जारी किया गया तो वह संन्यास ले लेंगे। उन्होंने कहा कि मैं व्यक्तिगत रूप से सोचता हूं कि यह समाधान नहीं है और लाल गेंद बहुत अलग है। मैं सफेद गेंद से खेलता हूं, मैं गुलाबी गेंद से खेलता हूं, मैं लाल गेंद से खेलता हूं और वे सभी बहुत अलग तरह से प्रतिक्रिया करते हैं। हालांकि मैं नियम बनाने वाला व्यक्ति नहीं हूं, लेकिन अगर ऐसा होता है तो मैं क्रिकेट छोड़ दूंगा।