हरियाणा के हिसार में विरोध प्रदर्शन करने के अगले दिन कई जूनियर पहलवान, उनके माता-पिता और कोच गुरुवार 20 जुलाई 2023 को नई दिल्ली स्थित भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) के मुख्यालय पहुंचे। इन लोगों ने एशियाई खेलों के ट्रायल्स से विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया को दी गई छूट वापस लेने की मांग की। जूनियर पहलवानों को विश्व चैंपियनशिप और राष्ट्रमंडल खेलों की रजत पदक विजेता अंशु मलिक का भी समर्थन मिला।
IOA मुख्यालय पहुंचे जूनियर पहलवानों ने की पीटी उषा और भूपेंदर सिंह बाजवा से मिलने की मांग
पहलवानों के परिजन समेत लगभग 150 लोगों ने आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा और तदर्थ समिति के प्रमुख भूपेंदर सिंह बाजवा से मिलने की मांग की। उदीयमान खिलाड़ी अंतिम पंघाल के कोच विकास भारद्वाज ने पीटीआई से कहा, ‘हम सभी आईओए के शीर्ष पदाधिकारियों से मिलना चाहते हैं। हम किसी भी तरह के पक्षपातपूर्ण फैसले को स्वीकार नहीं करेंगे। यह गलत है। हम यहां तदर्थ समिति से यह आग्रह करने आए हैं कि वह बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को दी गई छूट वापस ले।’
जूनियर पहलवानों का दावा- विनेश और बजरंग को हरा देंगे
मौजूदा अंडर-20 विश्व चैंपियन अंतिम पंघाल और अंडर 23 एशियाई चैंपियन सुजीत कलकल ने तदर्थ समिति के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए इसे अनुचित और अन्यायपूर्ण करार दिया था। अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने दावा किया था कि अगर ट्रायल्स में उनका मुकाबला बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट से होता है तो वे उन्हें हराने में सक्षम हैं। हालांकि, ये दोनों प्रदर्शन करने के लिए ओलंपिक भवन नहीं पहुंचे थे।
अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने ली हाई कोर्ट की शरण
भूपेंदर सिंह बाजवा की अगुआई वाली आईओए की तदर्थ समिति ने मंगलवार को ट्रायल्स के मानदंड घोषित करते हुए कहा था कि सभी भार वर्गों में ट्रायल्स होंगे, लेकिन उन्होंने पुरुषों के फ्रीस्टाइल 65 किग्रा और महिलाओं के 53 किग्रा भार वर्ग में पहले ही पहलवानों का चयन कर लिया है। अंतिम पंघाल और सुजीत कलकल ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर करके बजरंग पूनिया और विनेश फोगाट को दी गई छूट को वापस लेने के लिए आईओए को निर्देश देने की मांग की है।
जूनियर खिलाड़ियों का ट्रायल की मांग करना उचित: अंशु मलिक
बता दें कि जनवरी में जंतर-मंतर पर पहलवानों के विरोध प्रदर्शन का हिस्सा रहीं अंशु मलिक ने जूनियर पहलवानों के समर्थन में ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘एक एथलीट का सबसे बड़ा सपना ओलंपिक और एशियाई खेलों जैसे टूर्नामेंट में पदक जीतकर देशवासियों को गौरवान्वित करने का होता है। लेकिन अगर इन खिलाड़ियों के अधिकार ही छीन लिए जाए।’ महिलाओं की 57 किग्रा वर्ग में स्पर्धा करने वाली अंशु ने आगे लिखा, ‘जूनियर खिलाड़ियों का ट्रायल की मांग करना उचित है। यह उनका अधिकार है। मैं जूनियर खिलाड़ियों की मांग का समर्थन करती हूं।’
