अंडर 23 एशियाई चैम्पियन सुजीत कलकल ने बजरंग पूनिया को एशियाई खेलों में सीधे प्रवेश देने पर आईओए की तदर्थ समिति की आलोचना करते हुए कहा है कि ओलंपिक चैम्पियन बनने का सपना देखने वाले अगली पीढी के पहलवानों के साथ यह नाइंसाफी है। भारतीय ओलंपिक संघ की तदर्थ समिति ने मंगलवार को टोक्यो ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बजरंग (65 किलो फ्रीस्टाइल) और विनेश फोगाट (53 किलो) को 22 और 23 जुलाई को होने वाले एशियाई खेलों के चयन ट्रायल से छूट दे दी।

पहलवानों को है बजरंग को हराने का भरोसा

अंडर 20 विश्व चैम्पियनशिप कांस्य पदक विजेता कलकल ने कहा कि 65 किलो में कम से कम पांच छह पहलवान हैं जो बजरंग को हरा सकते हैं। सुजीत ने कहा ,‘‘मैंने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेल ट्रायल में एक साल पहले बजरंग का सामना किया था जो काफी करीबी मुकाबला था। ट्रायल के दौरान बजरंग को सीधे सेमीफाइनल में प्रवेश मिला जबकि हमने सारे मुकाबले खेले ।’’ उन्होंने कहा कि हाल ही में उन्होंने अमेरिका के जान माइकल डी को 8 -2 के अंतर से हराया जबकि बजरंग विश्व चैम्पियनशिप में इसी पहलवान से तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर हार गए थे।

पहलवान चाहते हैं निष्पक्ष ट्रायल

उन्होंने कहा ,‘‘विश्व चैम्पियनशिप में भी बजरंग को ट्रायल के बिना भेजा गया था ।अमेरिकी पहलवान ने उसे 10-0 से हराया और मैने उसी अमेरिकी पहलवान को विश्व रैंकिंग सीरिज में 8 . 2 से मात दी ।’’ सुजीत ने ट्यूनिस में हुई रैंकिंग सीरिज जीती थी। उन्होंने कहा ,‘‘मैं यह नहीं कहता कि सिर्फ मैं बजरंग को हरा सकता हूं । हमारे भारवर्ग में कम से कम पांच से छह पहलवान ऐसे हैं जो उसे हरा सकते हैं । यही वजह है कि सभी को समान मौका मिलना चाहिये और निष्पक्ष ट्रायल होना चाहिये ।’’ एशियाई खेल चीन के हांगझोउ में 23 सितंबर से होंगे।

कोर्ट में जाने को तैयार पहलवान

वहीं एक अन्य रेसलर विशाल कालीरमन ने भी इस फैसले पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा, ‘मैं 65 किग्रा से कम वर्ग में खेलता हूं और एशियाई खेलों के लिए बजरंग पुनिया को बिना किसी ट्रायल के सीधे प्रवेश दिया गया है। वे एक साल से धरना दे रहे थे, जबकि हम अभ्यास कर रहे थे…कम से कम ट्रायल तो होना ही चाहिए नहीं तो हम कोर्ट जाने को तैयार हैं…हम कोर्ट में अपील करेंगे। हम 15 साल से अभ्यास कर रहे हैं…अगर बजरंग पुनिया इनकार करते हैं कि वह एशियाई खेलों में नहीं खेलेंगे तभी किसी और को मौका मिलेगा।’