हांगझू एशियन गेम्स 2023 में रविवार को भारत की सबसे तेज हर्डलर ज्योति यर्राजी वुमन्स 100 मीटर हर्डल रेस में तीसरे स्थान पर रहीं। फॉल्स स्टार्ट को लेकर विवाद के बाद उन्हें सिल्वर मेडल मिल गया। फॉल्स स्टार्ट के कारण ज्योति यर्राजी के अयोग्य घोषित होने को लेकर अनिश्चितता पैदा हो गई थी। एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया ने इसके खिलाफ अपील दायर की, जिसे स्वीकारा गया।

अंत में ज्योति यर्राजी को सिल्वर प्रदान किया गया। चीन की वु यान्नी को अयोग्य घोषित किया गया। इस इवेंट के दौरान खूब ड्रामा देखने को मिला। चीन की वु यान्नी रेस जीतने की प्रबल दावेदार थीं। उन्होंने फॉल्स स्टार्ट किया। ज्योति यार्राजी उन्हें देखकर भागने लगीं। ऑफिशियल्स ने शुरू में दोनों धावकों को फॉल्स स्टार्ट के लिए अयोग्य घोषित कर दिया। इससे स्टेडियम में शोर मचने लगा। वू एथलेटिक्स में मेजबान देश की सबसे बड़ी सितारों में से एक हैं।

ऑफिशियल्स ने रिप्ले देखा

यार्राजी और वू दोनों अपनी बात पर अड़े रहे और फैसले के खिलाफ विरोध दर्ज कराया। ऑफिशियल्स ने ट्रैक के किनारे लगे टीवी मॉनिटर को देखकर पता लगाने की कोशिश की आखिर हुआ क्या। रिप्ले में स्पष्ट रूप से पता चला कि वू ने फॉल्स स्टार्ट किया और यार्राजी उनके बाद भागीं। दोनों एथलीट्स को दौड़ में भाग लेने की अनुमति दी गई थी, लेकिन मेडल मिलेगा या नहीं इसे लेकर भ्रम की स्थिति थी। यर्राजी ने चीन के युवेई लिन और वू के बाद फिनिश लाइन पार की। बाद में यर्राजी का मेल्ड सिल्वर में अपग्रेड किया गया।

अंजू बॉबी जॉर्ज ने क्या बताया

भारत दिग्गज जम्पर अंजू बॉबी जॉर्ज ने हांग्झू में द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि इंडियन एथलेटिक्स एसोसिएशन ने वू को अयोग्य ठहराने के लिए अपील दर्ज कराई थी, जिसे स्वीकारा गया। ज्योति यर्राजी ने सिल्वर मेडल अपने नाम करके इतिहास रचा। वह 100 मीटर हर्डल रेस में मेडल जीतने वाली भारत की पहली वुमन एथलीट बनीं।