1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिल गई लेकिन उसके सामने कई और चुनोतियां थीं। गरीबी, कर्जा, विश्व युद्ध और बंटवारा का बोझ और खराब आर्थिक स्थिति। इन सबका का सामना करते हुए भारत ने साल 1951 में पहले आधिकारिक एशियन गेम्स की मेजबानी की थी। इन खेलों ने भारत को उत्सव मनाने का मौका दिया। भारत ने इन खेलों में 51 मेडल यानी 51 के शगुन के साथ शुरुआत की।
पहले किसी और नाम से जाने जाते थे यह खेल
1951 से पहले एशियन गेम्स का आयोजन होता था पहले इसे फॉर ईस्टर्न चैंपियनशिप गेम्स के तौर पर जाना था। इसे उस समय ओरिएंटल ओलंपिक भी कहा जाता था। 1913 और 1934 के बीच इन खेलों का आयोजन हुआ। इसके बाद विश्व युद्ध के कारण 1951 तक इसका आयोजन नहीं हो पाया। मौजूदा एशियन गेम्स का विचार सबसे पहले साल 1948 के लंदन ओलंपिक के दौरान चीन और फिलीपींस के बीच हुई बातचीत में उठा। इस्टर्न चैम्पियनशिप गेम्स को फिर से आयोजित करने पर चर्चा की गई। इसी दौरान एशियन गेम्स एसोसिएशन का गठन किया गया था। एशियन रिलेशन्स कॉन्फ्रेंस में जब इस बारे में बात की गई तो यह विचार और पुख्ता हो गया।
देरी के चलते 1951 में आयोजित हुए थे एशियन गेम्स
1949 के फरवरी महीने में दिल्ली में एशियन गेम्स फेडरेशन की बैठक हुई। इसी बैठक में फैसला किया गया कि हर चार साल में इन खेलों का आयोजन किया जाएगा। वैसे इन खेलों की शुरुआत 1950 में होनी थी लेकिन तैयारियों की कमी के चलते यह खेल 1951 में आयोजित हुए। 1951 के एशियन गेम्स का आयोजन मेजर ध्यान चंद नेशनल स्टेडियम में हुआ जिसे नेशनल स्टेडियम के नाम से भी जाना जाता है। इस स्टेडियम को पहले इरविन एम्फी थिएटर के नाम से जाना जाता था लेकिन एशियन गेम्स से पहले इसका नाम बदलकर नेशनल स्टेडियम कर दिया गया। इसी स्टेडियम में ओपनिंग सेरेमनी का आयोजन हुआ था जिसमें उस समय देश के प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद शामिल हुए थे।
11 देशों ने लिया हिस्सा
इन खेलों में 11 देशों के कुल 489 एथलीट अफगानिस्तान, बर्मा (वर्तमान म्यांमार), सीलोन (वर्तमान श्रीलंका), इंडोनेशिया, ईरान, जापान, नेपाल, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और मेजबान भारत ने इसमें हिस्सा लिया था। पहली एशियन गेम्स में कुल 57 गोल्ड मेडल इवेंट हुए थे।
भारत ने जीते थे 51 मेडल
सिंगापुर के तैराक नियो च्वी कोक इन खेलों में गोल्ड मेडल जीतने वाले पहले एथलीट बने। साथ ही साथ वह कुल चार गोल्ड मेडल के साथ सबसे सफल व्यक्तिगत एथलीट भी थे। भारत की ओर से भी पहला गोल्ड मेडल तैराक ने ही जीता था। यह मेडल सचिन नाग ने 100 मीटर फ्रीस्टाइल में अपने नाम किया था। भारत को इन खेलों में सबसे ज्यादा 34 मेडल एथलेटिक्स में हासिल हुए थे। 15 गोल्ड, 16 सिल्वर और 20 ब्रॉन्ज के साथ भारत ने इन खेलों में कुल 51 मेडल हासिल किए थे।