हांगझू में आयोजित हुए एशियन गेम्स में भारतीय एथलीट्स ने सुनहरा इतिहास लिखा। एशियन गेम्स के इतिहास में पहली बार भारत मेडल्स का शतक लगाने में कामयाब रहा। कई खेलों में भारत को पहली बार मेडल मिला वहीं कुछ खेलों में मेडल न जीतकर भी इतिहास रच दिया। एथलेटिक्स से लेकर रोल स्केटिंग तक भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन से सभी को काफी हैरान किया।
एथलेटिक्स में किया सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन
एशियन गेम्स के इतिहास में भारत को सबसे ज्यादा मेडल एथलेटिक्स में ही मिले हैं। हांगझू में यह संख्या और ज्यादा बढ़ गई। भारतीय एथलीट्स ने इस बार छह गोल्ड, 14 सिल्वर और नौ ब्रॉन्ज समेत कुल 29 मेडल जीते। यह एशियन गेम्स के एथलेटिक्स इवेंट्स में भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। आईओए की अध्यक्ष पीटी उषा ने भी इस रिकॉर्ड के लिए भारत की तारीफ की थी।
निशानेबाजों ने किया कमाल
टोक्यो ओलंपिक के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय निशानेबाजों ने एशियन गेम्स में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया था भारतीय शूटर्स कुल 22 मेडल लेकर आए जिसमें सात गोल्ड, नौ सिल्वर और छह ब्रॉन्ज शामिल थे। इससे पहले भारत ने साल 2006 के दोहा एशियन गेम्स में 14 मेडल जीता था जो कि उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। भारत को इस बार शामिल हुए टीम इवेंट्स का फायदा मिला।
तीरंदाजी में टूटे रिकॉर्ड
तीरंदाजों ने इन खेलों में अप्रत्याशित प्रदर्शन किये। तीरंदाजों ने 2018 सत्र में सिर्फ दो रजत के बाद बड़ा सुधार करते हुए पांच स्वर्ण सहित नौ पदक दिए। एशियाई खेलों के किसी भी संस्करण में तीरंदाजी में यह भारत का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था। भारत के कंपाउंड तीरंदाजों ने अविस्मरणीय प्रदर्शन करते हुए सभी पांच स्वर्ण पदक जीते। कंपाउंड तीरंदाज ज्योति सुरेखा वेन्नम और ओजस प्रवीण देवतले ने तीन-तीन स्वर्ण पदक जीते, जो किसी भी खेल में भारतीयों के बीच सबसे अधिक पीला तमगा है।
रोल स्केटिंग में खुला भारत का खाता
भारत को इन एशियन गेम्स में रोलर स्केटिंग में दो मेडल हासिल हुए। भारतीय पुरुष और महिला स्पीड स्केटिंग 3000 मीटर रिले टीमों ने ब्रॉन्ज मेडल जीता था। यह पहला मौका था जब भारत ने इन खेलों में मेडल हासिल किए। हांगझू में भारत का रोल स्केटिंग में खाता खुल गया।