इंचियोन। दक्षिण एशियाई शैली की हाकी का मनोहर नजारा कल यहां एशियाई खेलों की पुरूष हॉकी स्पर्धा के फाइनल में देखने को मिलेगा जब भारत और पाकिस्तान खिताबी मुकाबले में जीत दर्ज करके 2016 रियो ओलंपिक में सीधे प्रवेश का हक हासिल करने के इरादे से उतरेंगे।
दोनों टीमों के बीच हुए लीग मुकाबले की तरह इसमें भी जज्बे और आक्रामकता की कोई कमी नहीं होगी। लीग चरण में हालांकि भारत को 1-2 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था।
भारत और पाकिस्तान एशियाई खेलों की पुरूष स्पर्धा के फाइनल में पिछली बार 1982 में नई दिल्ली में ध्यान चंद स्टेडियम में आमने सामने थे और तब पाकिस्तान ने उलटफेर करते हुए 7-1 से दर्ज की थी जिसके बाद गोलकीपर मीर रंजन नेगी और डिफेंस की काफी आलोचना हुई थी।
एशियाई हॉकी में इसके बाद दक्षिण कोरिया ने काफी प्रगति की जिससे ये दोनों टीमों अब तक फाइनल में दोबारा कभी नहीं भिड़ सकी।
कल होने वाला फाइनल दोनों टीमों के बीच एशियाई खेलों में सातवीं खिताबी भिड़ंत होगी। इससे पहले भारत सिर्फ दो मौकों पर जीतने में सफल रहा है और उसने पिछली जीत 1966 बैंकाक खेलों में दर्ज की थी।
फाइनल में दोनों ही टीमों पर काफी दबाव होगा और वही टीम जीतेगी को दबाव से बेहतर तरीके से निपटने में सफल रहेगी।