भारतीय गोला फेंक एथलीट तेजिंदरपाल सिंह तूर ने स्वर्ण पदक जीतकर शुक्रवार को बैंकाक में एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में शॉट पुट खिताब बरकरार रखा। हालांकि, दूसरे थ्रो में सर्वश्रेष्ठ प्रयास के बाद वह लंगड़ाते हुए बाहर आए। एशियाई रिकॉर्डधारी तूर ने दूसरे थ्रो में 20.23 मीटर की दूरी पर गोला फेंका, लेकिन इस प्रयास के बाद वह ‘ग्रोइन’ हिस्से में चोट से लंगड़ाते हुए बाहर आए।
इसके बाद तूर ने कोई थ्रो नहीं किया। अभी तूर की चोट की गंभीरता का पता नहीं चल सका है लेकिन यह उनके लिए चिंता का विषय हो सकती है क्योंकि एक महीने बाद बुडापेस्ट में विश्व चैंपियनशिप शुरू हो रही है। तूर ने बाईं कलाई में पट्टी बांधकर हिस्सा लिया था। ईरान के साबेरी मेहदी (19.98 मीटर) ने रजत पदक और कजाखस्तान के इवान इवानोव (19.87 मीटर) ने कांस्य पदक अपने नाम किया।
पारुल ने स्टीपलचेस ने स्वर्ण जीता, शैली को लंबी कूद में मिला रजत पदक
भारत की बात करें तो पारुल चौधरी ने बड़े अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपना पहला 3000 मीटर स्टीपलचेस खिताब जीता। पारुल के स्वर्ण के बाद इस टूर्नामेंट में भारत के स्वर्ण पदकों की संख्या 5 हो गई। लंबी कूद की युवा एथलीट शैली सिंह ने भी पहली बड़ी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में अपना पहला पदक रजत के रूप में हासिल किया। भारत ने इस प्रतियोगिता में अब तक 9 पदक जीते हैं। इसमें से 5 स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य शामिल हैं।
स्वर्ण पदक जीतने वालों के पास विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई करने का मौका
बुधवार को एक कांस्य पदक के बाद भारत ने गुरुवार को तीन स्वर्ण और दो कांस्य पदक अपनी झोली में डाले थे। एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले सभी विजेताओं के पास हंगरी के बुडापेस्ट में होने वाली विश्व चैंपियनशिप (19 से 27 अगस्त) के लिए क्वालिफाई करने का मौका है। विश्व चैंपियनशिप के क्वालिफाइंग मापदंड के अनुसार महाद्वीपीय चैंपियन सीधे इस प्रतियोगिता के लिए क्वालिफाई कर सकते हैं, बशर्ते विश्व रैंकिंग के आधार पर इसी स्पर्धा में उसी क्षेत्र से कोई बेहतर खिलाड़ी शामिल नहीं हो।
तूर एशियाई चैंपियनशिप खिताब कायम रखने वाले तीसरे गोला फेंक एथलीट
तूर गोला फेंक (शॉट पुट) स्पर्धा में जीत के प्रबल दावेदार थे। उन्होंने 19.80 मीटर के प्रयास के बाद दूसरे प्रयास में 20.23 मीटर दूर गोला फेंका। 28 साल के तूर एशियाई चैंपियनशिप खिताब कायम रखने वाले तीसरे गोला फेंक एथलीट बन गए हैं। उनसे पहले कतर के बिलाल साद मुबारक ने 1995 और 1998 तथा 2002 और 2003 में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि अपने नाम की है।
कुवैत के मोहम्मद घारिब अल जिंकावी ने लगातार तीन बार 1979, 1981 और 1983 में पहला स्थान हासिल किया था। सात भारतीयों ने इससे पहले एशियाई चैंपियनशिप में गोला फेंक स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता है।
तूर ने जून 2023 में ही विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था
स्वर्ण पदक जीतने के बाद तेजिंदरपाल सिंह तूर ने पीटीआई से कहा, ‘हां, मुझे दर्द हो रहा था इसलिए मैंने और प्रयास नहीं किए।’ तूर ने पिछले महीने भुवनेश्वर में राष्ट्रीय अंतर-राज्यीय चैंपियनशिप में 21.77 मीटर नए एशियाई रिकॉर्ड थ्रो से विश्व चैंपियनशिप के लिए क्वालिफाई किया था। वह ‘ग्रोइन’ की मांसपेशियों में खिंचाव के कारण 2022 विश्व चैंपियनशिप में नहीं खेल पाए थे। यह चोट उन्हें टूर्नामेंट से पहले ही लगी थी। इस कारण वह बर्मिंघम में राष्ट्रमंडल खेलों में भी हिस्सा नहीं ले पाए थे।
टोक्यो ओलंपिक के बाद तूर ने कराई थी सर्जरी
टोक्यो ओलंपिक के तुरंत बाद तूर ने अपनी ‘थ्रो’ करने वाले बाईं बाजू की कलाई की सर्जरी भी कराई थी। इस साल के शुरू में अमेरिका में ट्रेनिंग करने वाली 28 साल की पारुल चौधरी ने नौ मिनट 38.76 सेकेंड के समय से आसान जीत हासिल की। उनका यह समय उनके व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ नौ मिनट 29.51 सेकेंड के समय से बेहतर रहा।
चीन की शुआंगशुआंग जू (नौ मिनट 44.54 सेकेंड) और जापान की योशिमुरा रेमी (9:48.48) ने क्रमश: रजत और कांस्य पदक जीते। महिलाओं की 3000 मीटर स्टीपलचेस स्पर्धा 2007 में ही शुरू की गई थी। इसमें भारत का दबदबा रहा है। सुधा सिंह ने 2013 और 2017 तथा ललिता बाबर ने 2018 में देश के लिए स्वर्ण पदक जीते थे। पारुल चौधरी 2017 और 2019 में क्रमश: चौथे और पांचवें स्थान पर रही थीं।
गैर ओलंपिक 3000 मीटर स्पर्धा में भी राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी हैं पारुल चौधरी
पारुल चौधरी ने 2019 में 5000 मीटर स्पर्धा का कांस्य पदक भी जीता था। इस स्पर्धा में उनके नाम राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी है। वह गैर ओलंपिक 3000 मीटर स्पर्धा में भी राष्ट्रीय रिकॉर्डधारी हैं। महान एथलीट अंजू बॉबी जॉर्ज की शिष्या 19 साल की शैली सिंह का यह सीनियर स्तर पर पहला बड़ा अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट था। इसमें उन्होंने रजत पदक जीता। शैली सिंह ने 2021 में विश्व जूनियर चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था।
पहले आगे चल रही थीं शैली सिंह
शैली ने 6.54 मीटर के पहले प्रयास से दूसरा स्थान हासिल किया। वह पहले आगे चल रही थीं, लेकिन जापान की सुमिरे हाता ने 6.97 मीटर के प्रयास से पहला स्थान हासिल किया। चीन की झोंग जियावेई ने 6.46 मीटर की कूद से कांस्य पदक हासिल किया। एक अन्य भारतीय एंसी सोजान 6.41 मीटर के प्रयास से चौथे स्थान पर रहीं। भारत ने 2019 के चरण में 16 पदक जीते थे, उसमें दो स्वर्ण, सात रजत और सात कांस्य पदक शामिल थे।