कोलकाता नाइटराइडर्स के खिलाफ मैच के दौरान रविचंद्रन अश्विन ने इयोन मॉर्गन और टिम साउदी से लड़ाई नहीं की। वह सिर्फ अपने हक के लिए खड़े हुए थे। भारत के अनुभवी स्पिनर ने खुद यह बात कही है। साथ ही यह भी कहा है कि इयोन मॉर्गन और टिम साउदी को दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने का हक नहीं है। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2021 में दिल्ली कैपिटल्स का हिस्सा रविचंद्रन अश्विन ने मॉर्गन और साउदी के साथ हुए अपने कथित विवाद पर ट्वीट के जरिए चुप्पी तोड़ी।
उन्होंने इस संबंध सिलेसिलेवार कई ट्वीट किए। अश्विन ने लिखा, ‘मैं फील्डर के थ्रो करने पर ही दौड़ पड़ा था और मुझे यह नहीं पता था कि गेंद ऋषभ के शरीर पर लगी है। अगर मुझे यह दिख भी जाए तो क्या मैं भागूंगा? जी हां और यह मेरा अधिकार है। क्या मॉर्गन का मुझे कलंक बुलाकर अपमान करना उचित था? बिलकुल नहीं।’ अश्विन का कहना है कि 19वें ओवर की उस घटना में रन लेना उनका अधिकार था। ओवर थ्रो के चलते कोलकाता नाइटराइडर्स के टिम साउदी और इयोन मॉर्गन और अश्विन के बीच कहासुनी भी हुई।
अश्विन ने बताया कि मॉर्गन ने उन्हें डिस्ग्रेस (कलंक) कहकर उनका अपमान किया। उन्होंने लिखा, ‘मैंने लड़ाई नहीं की, न ही किसी का अपमान किया, बल्कि अपना बचाव किया। मेरे शिक्षकों और माता-पिता ने मुझे यही सिखाया है। आप भी अपने बच्चों को खुद के लिए खड़े होना सिखाइए। मॉर्गन और साउदी अपने अनुसार नियम बनाते हैं कि क्या सही है और क्या गलत। उन्हें दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने और अपमानजनक शब्दों के इस्तेमाल करने का हक नहीं है।’
उन्होंने लिखा, ‘मैं इससे ज्यादा इस बात से हैरान हूं कि लोग इस पर बहस कर रहे हैं और यह जताने की कोशिश कर रहे हैं कि कौन अच्छा है और कौन बुरा।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘इस खेल में लाखों युवक और युवतियां अपने अंदाज में खेलते हुए अपने करियर को संवारने की कोशिश करते हैं। उन्हें सिखाइए कि एक गलत थ्रो पर रन चुराने से आप अपना करियर बना सकते हैं और नॉन स्ट्राइकर छोर पर बाहर खड़े रहने से आपके करियर को नुकसान हो सकता है।’
अश्विन ने लिखा, ‘आप उन्हें ऐसा कहकर भ्रमित मत कीजिए कि ऐसी परिस्थितियों में रन ना लेने से या खिलाड़ी को चेतावनी देने से आप अच्छे इंसान बन जाते हैं। यह हिदायत वही देते हैं जो खेल से पेट पाल चुके हैं और सफलता प्राप्त कर चुके हैं।’ अश्विन ने तथाकथित खेल भावना के अलग-अलग मापदंडों पर भी अपनी राय रखी।
अश्विन ने कहा, ‘मैं सिर्फ इतना समझता हूं कि आप मैदान पर अपना सब कुछ दे दें और नियमों के भीतर खेलें। आप मैदान पर डटकर मुकाबला करिए और मैच खत्म होने पर हाथ मिला लीजिए। मेरे लिए यही स्पिरिट ऑफ द गेम (खेल भावना) की परिभाषा है। यही खेलभावना मेरी समझ में आती है।’