अनुराग ठाकुर रविवार (22 मई) को सर्वसम्मति से बीसीसीआइ के दूसरे सबसे युवा अध्यक्ष जबकि अजय शिर्के उनकी जगह सचिव चुने गए। यह चुनाव ऐसे समय में हुआ जब दुनिया का सबसे अमीर बोर्ड उतार चढ़ाव के दौर से गुजर रहा है। ठाकुर अभी 41 साल के हैं। उन्होंने शंशाक मनोहर की जगह ली है जिन्होंने आइसीसी चेयरमैन का पदभार संभालने के लिए इस पद से इस्तीफा दे दिया था। महाराष्ट्र क्रिकेट संघ के प्रमुख और व्यवसायी शिर्के उम्मीद के अनुरूप सचिव पद पर चुने गए जो ठाकुर के इस्तीफे के बाद खाली हो गया था।
बीसीसीआइ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सीके खन्ना ने विशेष आम बैठक (एसजीएम) की अध्यक्षता की और इस शीर्ष पद के लिए ठाकुर के नाम की घोषणा की। ठाकुर बीसीसीआइ के दूसरे युवा अध्यक्ष बने हैं। पूर्व राजनीतिज्ञ और क्रिकेटर फतेह सिंह राव गायकवाड़ ने 1963 में 33 साल की उम्र में बोर्ड अध्यक्ष का पद संभाला था और वह 1966 तक इस पद पर रहे थे। गायकवाड़ उससे पहले बोर्ड के उपाध्यक्ष थे।
मनोहर महज सात महीने के कार्यकाल के बाद बीसीसीआइ के इस शीर्ष पद से हट गए। इस कारण दुनिया की सबसे अमीर और ताकतवर क्रिकेट संस्था के नए प्रमुख के चुनाव करवाने पड़े। बोर्ड ने ठाकुर को अध्यक्ष बनाने के लिए पूरी तरह से एकजुटता दिखाई। ठाकुर ने सचिव पद से इस्तीफा देने के बाद अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरा और पूर्वी क्षेत्र की सभी छह क्षेत्र इकाईयों ने उनके नामांकन पर हस्ताक्षर किए। इससे उनके बोर्ड के 34वें अध्यक्ष के तौर पर सर्वसम्मति से चुने जाने का रास्ता साफ हुआ।
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इस बार अध्यक्ष पद के लिए पूर्वी क्षेत्र का नंबर था और नामांकन के लिए उस क्षेत्र की इकाइयों का समर्थन जरूरी थी। पूर्वी क्षेत्र की सभी छह इकाईयों-बंगाल, असम, त्रिपुरा, झारखंड और ओड़ीशा के क्रिकेट संघ और राष्ट्रीय क्रिकेट क्लब -ने नामांकन दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए जबकि नियमों के अनुसार सिर्फ एक इकाई के समर्थन से ही अध्यक्ष का नामांकन वैध माना जाता है।
हिमाचल प्रदेश में हमीरपुर के भाजपा सांसद ठाकुर मुश्किल दौर में बोर्ड का पदभार संभाल रहे हैं क्योंकि बीसीसीआइ पर सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति आर एम लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का दबाव बना हुआ है। दिलचस्प बात है कि ठाकुर 1998-99 में राज सिंह डुंगरपुर के बाद प्रथम श्रेणी क्रिकेटर से बीसीसीआइ अध्यक्ष पद पर काबिज होने वाले पहले व्यक्ति होंगे। हालांकि महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने थोड़े समय के लिए एक अन्य टेस्ट क्रिकेटर शिवलाल यादव के साथ संयुक्त रूप से मिलकर बीसीसीआइ अध्यक्ष पद का भार संभाला था, लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुआ था जिसमें उसने तब के अध्यक्ष एन श्रीनिवासन को 2013 आइपीएल सट्टेबाजी और स्पाट फिक्सिंग प्रकरण के कारण अपने पद से अलग हटने को कहा था।
राज सिंह डुंगरपुर ने राजस्थान और तब मध्य भारत के लिए मध्यम गति के गेंदबाज के तौर पर 86 प्रथम श्रेणी मैच खेले थे और 206 विकेट चटकाए थे। ठाकुर ने 2000-01 सत्र में दाएं हाथ के बल्लेबाज और आफ ब्रेक गेंदबाज के तौर पर एकमात्र रणजी ट्राफी मैच में हिमाचल प्रदेश का प्रतिनिधित्व किया था। ठाकुर पूर्वी क्षेत्र द्वारा 2014-2017 के दौरान शीर्ष पद के चुनाव के लिए समर्थन मिलने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। श्रीनिवासन के हटने के बाद जगमोहन डालमिया के नाम पर आम सहमति बनी थी, लेकिन पिछले साल उनका निधन हो गया था और मनोहर ने अक्तूबर 2015 से पदभार संभाला था।

