भारतीय क्रिकेट का अंदरूनी संकट खुलकर चौराहे पर आ चुका है। टीम के कोच अनिल कुंबले कप्तान विराट कोहली से अनबन की वजह से इस्तीफा दे चुके हैं। सचिन तेंदुलकर, सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण जैसे पूर्व क्रिकेटर भी दोनों के बीच की दूरियां पाटने में विफल रहे। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी (सीएसी) चाहती थी कि कुंबले दो साल और भारत के कोच रहें लेकिन ऐसा हो न सका। तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण सीएसी के सदस्य हैं। मीडिया में आ रही खबरों की मानें तो कुंबले को इसलिए जाना पड़ा क्योंकि अगर वो रुकते तो विराट कोहली कप्तानी से इस्तीफा दे देते। यानी कुंबले और कोहली की स्थिति जंगल के शेरों जैसी हो गई थी जिनमें से एक ही राजा के तौर पर रह सकता था।
कुंबले ने मंगलवार (20 जून) को कोच पद से इस्तीफा देते हुए बताया कि सीएसी चाहता था कि वो कोच बने रहें। कुंबले ने ये भी साफ कह दिया कि वो विराट कोहली की वजह से पद से इस्तीफा दे रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार कोहली ने न केवल सीएसी बल्कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त कमेटी ऑफ एडमिनस्ट्रेट के प्रमुख विनोद राय को भी अपनी राय बता दी थी। बीसीसीआई के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने द देलीग्रीफ अखबार को बताया कि अगर कुंबले कोच बने रहते तो कोहली निश्चित ही इस्तीफा दे देते।
विराट कोहली को क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में महेंद्र सिंह धोनी की जगह भारतीय टीम का कप्तान बने करीब छह महीने ही हुए हैं। ऐसे में उनके इस रवैये की कई क्रिकेट विशेषज्ञ आलोचना कर रहे हैं। भारतीय टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने भी मौजूदा कप्तान विराट कोहली की कुंबले को पद से हटवाने के लिए निंदा की है। रिपोर्ट के अनुसार गावस्कर ने कह दिया कि ऐसी स्थिति में बेहतर होगा कि खुद विराट कोहली ही टीम का अगला कोच चुन लें, तेंदुलकर, गांगुली और लक्ष्मण से रस्मी कवायद कराने की क्या जरूरत है!
इससे पहले इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर से इस्तीफा देते हुए परोक्ष रूप से कुंबले के मसले पर टिप्पणी करते हुए टीम इंडिया में “स्टार सिस्टम” के हावी होने की आलोचना की थी। कमेटी ऑफ एडमिनिस्ट्रेटर के सदस्य विक्रम लिमये के भी इस्तीफे देना की अटकल जताई जा रही है। ऐसे में कमेटी में विनोद राय और पूर्व महिला क्रिकेटर डायना एडुजी ही बचेंगे।

