भारत के 33वें कप्तान के साथ कुछ ऐसा हुआ, जिसे कोई खिलाड़ी सपने में भी नहीं देखना चाहेगा। इस क्रिकेटर को चैंपियंस ट्रॉफी में एक भी मैच नहीं खिलाया गया। ये वही बल्लेबाज था, जिसने बतोर कप्तान टीम को पहला ही मैच जिताया था।
जी हां, ये कोई और खिलाड़ी नहीं बल्कि अजिंक्य रहाणे ही हैं। चैंपियंस ट्रॉफी में इन्हें जगह तो मिली मगर पांचों ही मैचों में इन्हें प्लेयिंग इलेवन में मौका नहीं मिला। रहाणे ने विराट कोहली के चोटिल हो जाने के चलते ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चौथे टेस्ट मैच (मार्च) में कप्तानी की थी। भारत ने इस मैच को जीतकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया था।
मगर चैंपियंस ट्रॉफी से पहले अप्रैल-मई के बीच खेले गए आईपीएल-10 में रहाणे का प्रदर्शन बेहद खराब रहा। इस वजह से उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के एक भी मैच में मौका नहीं दिया गया। भारत के पास शिखर धवन-रोहित शर्मा के रूप में शानदार सलामी जोड़ी मौजूद थी। वहीं युवरज सिंह के पास काफी अनुभव था। ऐसे में रहाणे को कोहली ने मौका नहीं दिया।
रहाणे ने 37 टेस्ट मैचों की 64 पारियों में 8 बार नाबाद रहते हुए 2580 रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 52.97 की स्ट्राइक के साथ 8 शतक और 11 अर्धशतक जड़े। वहीं बात अगर वनडे की करें तो 78 मैचों में इस बल्लेबाज ने 78.61 की स्ट्राइक के साथ 2573 रन बनाए हैं। हालांकि श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट में रहाणे को बतौर उपकप्तान मौका दिया गया है।
3 टेस्ट मैचों के लिए भारतीय टीम इस प्रकार है:
विराट कोहली (कप्तान), मुरली विजय, केएल राहुल, चेतेश्वर पुजारा, अजिंक्य रहाणे (उप कप्तान), रोहित शर्मा, रविचंद्रन अश्विन, रवींद्र जडेजा, ऋद्धिमान साहा (विकेटकीपर), इशांत शर्मा, उमेश यादव, हार्दिक पांड्या, भुवनेश्वर कुमार, मोहम्मद शमी, कुलदीप यादव, अभिनव मुकुंद।

