Ajinkya Rahane in Domestic Cricket: चोट से उबरने के बाद अजिंक्य रहाणे दलीप ट्रॉफी में पश्चिम क्षेत्र की शक्तिशाली टीम की अगुवाई करेंगे, जो तमिलनाडु में आठ से 25 सितंबर तक खेला जाना है। स्टार क्रिकेटर को खराब फॉर्म के कारण इस साल की शुरुआत में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया था। इससे पहले उनसे उपकप्तानी छीन ली गई थी। अब 34 साल के मुंबई के इस क्रिकेटर के पास इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी करने के लिए घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने का मौका है।
अफ्रीका दौरे से जब टीम इंडिया 2-1 से सीरीज हारकर स्वदेश आई। इसके बाद टेस्ट टीम में बदलाव की स्वर तेज होने लगी। श्रीलंका के खिलाफ जब टीम का चयन हुआ तो रहाणे के अलावा चेतेश्वर पुजारा, इशांत शर्मा और ऋद्धिमान साहा को टीम से बाहर कर दिया गया। विराट कोहली के कप्तानी छोड़ने के बाद रोहित शर्मा को टेस्ट टीम की कमान मिल गई। श्रेयस अय्यर और हनुमा विहारी जैसे खिलाड़ियों को आजमाया गया।
इस बीच चेतेश्वर पुजारा और अजिंक्य रहाणे ने रणजी ट्रॉफी का रुख किया। फिर आईपीएल में रहाणे को कोलकाता नाइटराइडर्स (KKR) ने खरीद लिया, लेकिन पुजारा अनसोल्ड रहे। सौराष्ट्र के क्रिकेटर ने इसका फायदा उठाते हुए काउंटी क्रिकेट का रुख किया और उनके बल्ले से खूब रन निकल रहे हैं। वहीं अजिक्य रहाणे आईपीएल के दौरान चोटिल हो गए। इसके कारण वह रणजी ट्रॉफी के नॉक आउट चरण में भी नहीं खेल पाए।
पुजारा की इंग्लैंड दौरे पर एकमात्र टेस्ट के लिए टीम इंडिया में वापसी हुई। भारत यह मैच हार गया, लेकिन पुजारा ने दूसरी पारी में शानदार बल्लेबाजी करते हुए अर्धशतक जड़ा। वह अभी काउंटी क्रिकेट में खेल रहे हैं। रहाणे चोट से उबर गए हैं और अब उनकी निगाहें चेतेश्वर पुजारा की तरह टीम इंडिया में वापसी पर होगी। दलीप ट्रॉफी और रणजी ट्रॉफी के अलावा उनके पास पूरा घरेलू सत्र पड़ा है।
रहाणे के टेस्ट करियर की बात करें तो 82 मैचों की 140 पारियों में उन्होंने 38.52 की औसत से 4931 रन बनाए हैं। इनमें 12 शतक और 25 अर्धशतक शामिल हैं। उनका सर्वश्रेष्ठ स्कोर 188 रन है। वह सिर्फ अपने बल्लेबाजी के लिए नहीं बल्कि कप्तानी के लिए भी जाने जाते हैं। साल 2021 में टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया में विराट कोहली की गैरमौजूदगी में बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी अपने नाम किया था। रहाणे तब टीम के कप्तान थे।