अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ की कार्यकारी समिति के सदस्य दीपक शर्मा को गोवा पुलिस ने दो महिला खिलाड़ियों के कथित शारीरिक उत्पीड़न के मामले में शनिवार को गिरफ्तार कर लिया। खाड़ एफसी की टीम में शामिल पलक वर्मा और रितिका ठाकुर ने एआईएफएफ में आधिकारिक शिकायत दर्ज की है। दीपक शर्मा हिमाचल प्रदेश फुटबॉल संघ के महासचिव भी हैं। हालांकि उनको इस मामले में कोर्ट से जमानत मिल गई है।

महिला खिलाड़ियों के आरोप

स्टारस्पोर्ट्स की खबर के मुताबिक दोनों खिलाड़ियों ने उस रात का पूरा वाकया बताया। शिकायत में लिखा, ‘हमें खाना नहीं मिला था तो हम अंडे उबाल रहे थे। दीपक शर्मा इस बात से गुस्सा हो गए। वह कमरे में आए और मुझे (पलक) और रितिका को मारा। टूर्नामेंट के पहले ही दिन से वह नशे में रहते थे। लीग से पहले हिमाचल से दिल्ली आते हुए वह हर समय दारू साथ लेकर चल रहे थे और हमारे सामने पी रहे थे। टीम की मैनेजर नंदिता शर्मा उनका बचाव कर रही थीं। हम चाहते हैं आप जल्द कार्रवाई करें क्योंकि हमें जान का खतरा महसूस हो रहा है।’

दीपक शर्मा पर दारू पीने के आरोप

इस खत में गवाह का नाम भी दिया गया है। टीम मैनेजर नंदिता शर्मा पर आरोप लगाए गए हैं जो कि दीपक शर्मा की पत्नी हैं। इस शिकायत के बाद गोवा फुटबॉल एसोसिएशन ने पुलिस में शिकायत दर्ज की। गोवा फेडरेशन के सचिव एडलिया डी क्रूज ने सभी से अलग-अलग बात की। उन्होंने कहा, ‘दीपक सफर शुरू होते ही दारू पीने लगे थे। वह पूरे दल में इकलौते पुरुष थे। वह उस रात पूरी तरह नशे में थे और घटनाक्रम के समय भी वह नशे में ही थे। तीन लड़कियां इस बात की गवाह हैं कि दीपक ने मारपीट की।’

दीपक के समर्थन में लड़कियां

पीटीआई के मुताबिक हालांकि कुछ महिला खिलाड़ी दीपक के समर्थन में थी। एक खिलाड़ी ने मापुसा थाने के बाहर मीडिया से कहा ,‘‘ शुक्रवार को शिकायतकर्ता खिलाड़ियों में से एक रात के 11 . 30 बजे अपार्टमेंट से बाहर कुछ लेने गई। शर्मा इससे नाराज थे और पूछा कि अनजान शहर में इतनी रात को अकेले बाहर क्यों गई। इस पर खफा होकर उसने नाटक शुरू कर दिया।’’ उसने कहा कि शर्मा ने कभी लड़कियों के साथ बदसलूकी नहीं की।

पीटीआई के मुताबिक जीएफए अध्यक्ष कैटानो फर्नांडिस ने बताया कि संघ ने खिलाड़ियों की मापुसा थाने में शिकायत दर्ज कराने में मदद की। इस बीच एफसी खाड़ की महिला खिलाड़ियों के एक समूह ने दावा किया कि शर्मा के खिलाफ लगाये गए आरोप गलत हैं। शर्मा को जब मापुसा पुलिस मेडिकल जांच के लिये ले गई तो महिला खिलाड़ियों का एक समूह रोता देखा गया और उन्होंने मीडिया को वीडियोग्राफी से भी मना किया। उनका दावा था कि पिछले दस साल से शर्मा से वे जुड़ी हैं लेकिन कभी उन्हें बदसलूकी करते नहीं देखा।