भारतीय फुटबॉल टीम को मंगलवार को वर्ल्ड कप क्वालिफायर के अहम मुकाबले में कतर के खिलाफ 2-1 से हार का सामना करना पड़ा। इस हार के साथ ही भारत का क्वालिफायर के अगले राउंड में जाने के सपना भी टूट गया। इस मैच में कतर के द्वारा किए गए पहले गोल पर काफी बवाल हुआ। ऐसा कहा गया कि भारत के बेईमानी हुई है। ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने अब पुष्टि की है कि फेडरेशन ने रेफरी के फैसले के खिलाफ आधिकारिक शिकायत की है।

AIFF ने की शिकायत

कल्याण चौबे ने अपने बयान में कहा, ‘हार और जीत खेल का हिस्सा है। हमने इसे स्वीकार करना सीखा है हालांकि भारत के खिलाफ कल (11 जून) हुए दो गोल ने कुछ सवाल खड़े किए हैं। हमने फीफा के अध्यक्ष, क्वालिफायर के अध्यक्ष एएफसी के रेफरी के अध्यक्ष और मैच कमिशनर को इस बारे में लिखा है कि किस तरह खराब सुपरविशन की वजह से फीफा वर्ल्ड कप के तीसरे राउंड में नहीं पहुंच पाए।’

एआईएफएफ के ट्विटर अकांटर पर जारी बयान में उन्होंने आगे कहा, ‘हम चाहते हैं कि इस मामले में शामिल अधिकारियों की जांच हो। हम यह भी चाहते हैं कि हमे खेल के तौर पर हर्जाना भी दिया जाए। हम उम्मीद करते हैं कि फीफा और एएफसी इस मामले में जरूर कदम उठाएंगे।’

भारतीय टीम के साथ हुई बेईमानी

भारतीय टीम मैच के 72वें मिनट तक 1-0 से आगे चल रहा था। यहां से मैच के 73वें मिनट में अब्दुल्लाह अलाहरक की फ्री किक पर यूसेफ आयमेन ने हेडर लगाने का प्रयास किया जिसे भारतीय कप्तान और गोलकीपर गुरप्रीत सिंह संधू ने रोक दिया। गुरप्रीत इस दौरान नीचे गिर गए और गेंद लाइन से बाहर चली गई।

रैफरी ने दिया गलत फैसला

इसी दौरान हाशमी हुसैन किक मारकर गेंद को लाइन के अंदर ले आए और आयमेन ने गोल कर दिया। रैफरी किम वू सुंग ने गोल को स्वीकृति दी थी जिसके बाद पूरा विवाद शुरू हुआ। भारतीय टीम के खिलाड़ी काफी समय तक रेफरी से बहस करते रहे लेकिन फैसला नहीं बदला गया। यहां से टीम इंडिया की लय भी बिगड़ी और वह मुकाबला हार गई।