मिडफील्डर युगेनसन लिंगदोह को अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआइएफएफ) का साल का सर्वश्रेष्ठ पुरुष खिलाड़ी चुना गया है जबकि महिला वर्ग में स्ट्राइकर बाला देवी को लगातार दूसरे साल यह सम्मान मिला। एआइएफएफ की आम सभा की सालाना बैठक में इन दोनों को रविवार को यहां इस सम्मान के लिए चुना गया। लिंगदोह ने पिछली दो बार यह खिताब जीतने वाले सुनील छेत्री का वर्चस्व तोड़ा। आइलीग क्लबों के कोचों के वोट के आधार पर विजेता का फैसला किया गया। लिंगदोह को ट्राफी के अलावा दो लाख रुपए की राशि दी जाएगी।

लिंगदोह ने कहा कि इस सम्मान के लिए चुने जाने के बाद वे ‘सम्मानित’ महसूस कर रहे हैं। मेरे लिए आइलीग के कोचों ने मतदान किया जो इसे मेरे लिए और अधिक विशेष बना देता है। यह बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रेरणा है। दूसरी तरफ बाला देवी को 2015 की सर्वश्रेष्ठ महिला खिलाड़ी चुना गया। उन्हें ट्राफी और एक लाख रुपए की राशि मिलेगी।

प्रीतम कोटल को 2015 का उभरता हुए खिलाड़ी चुना गया। एआइएफएफ ने इस दौरान साल की उभरती हुई महिला खिलाड़ी का नया पुरस्कार शुरू किया जिसे प्यारी शाशा ने जीता। ओड़ीशा फुटबाल महासंघ (एफएओ) को ‘2015 एआइएफएफ अवार्ड फॉर बेस्ट ग्रासरूट प्रोग्राम’ के लिए चुना गया। भारतीय फुटबाल में लंबे समय तक योगदान के लिए 2015 का एआइएफएफ पुरस्कार कोका कोला को दिया गया। सीआर श्रीकृष्णा को 2015 का सर्वश्रेष्ठ रैफरी जबकि सपन कनेडी को 2015 का सर्वश्रेष्ठ सहायक रैफरी पुरस्कार दिया गया। बाला देवी ने पाकिस्तान में पिछले साल सैफ महिला चैंपियनशिप के दौरान पांच मैचों में 16 गोल दागकर भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। उन्होंने कहा कि 2014 में पहला पुरस्कार जीतना संतोषजनक था। इसे बरकरार रखना चुनौतीपूर्ण था और इसलिए यह ज्यादा संतोषजनक है।