आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2007 के फाइनल में मिस्बाह उल हक का स्कूप शॉट शायद ही कोई भारत या पाकिस्तानी फैन भूले। पाकिस्तान को आखिरी चार गेंदों में जीत के लिए सिर्फ 6 रनों की जरूरत थी। तभी मिस्बाह ने फाइन लेग पर स्कूप शॉट लगाने का प्रयास किया और शांताकुमारन श्रीसंत ने शॉर्ट फाइन लेग पर कैच ले लिया और पाकिस्तान की टीम 157 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 152 रन पर सिमट गई। पाकिस्तान के पूर्व कप्तान को यह शॉट खेलने का अभी मलाल है।
वसीम अकरम का सवाल
मिस्बाह ने टी20 वर्ल्ड कप 2022 को लेकर चर्चा के दौरान इस शॉट का जिक्र किया। पाकिस्तानी स्पोर्ट्स चैनल ए स्पोर्ट्स पर चर्चा के दौरान पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज वसीम अकरम यह जानना चाहते थे कि मौजूदा पाकिस्तनी टीम के बल्लेबाज टी20 क्रिकेट में रिवर्स स्कूप या स्वीप जैसे शॉट खेलने का साहस क्यों नहीं दिखाते?
वह शॉट लोग नहीं भूलते
मिस्बाह ने मुस्कराते हुए जवाब दिया कि भारत के खिलाफ 2007 के फाइनल के बाद पाकिस्तान के बल्लेबाजों ने जोखिम लेना बंद कर दिया। उन्होंने आगे कहा कि किसी को भी इससे पहले लगाए गए 15 चौके याद नहीं रहता, लेकिन वह शॉट सबको याद है। लोग नहीं भूलते। 2007 के इस मैच में पाकिस्तान 104/7 की स्थिति खराब थी।
क्या हुआ था जोगिंदर शर्मा के ओवर में
मिस्बाह ने इसके बाद शानदार बल्लेबाजी की। उन्होंने अपनी टीम के लिए महत्वपूर्ण 43 रन बनाए और अंतिम ओवर में पाकिस्तान के हाथ में एक विकेट था और जीत के लिए 13 रन चाहिए थे। महेंद्र सिंह धोनी ने आखिरी ओवर में जोगिंदर शर्मा को गेंद सौंपी, जिन्होंने वाइड से शुरुआत की और फिर अगली गेंद पर छक्का लगा। इसके बाद मिस्बाह ने स्कूप शॉट खेली और अपना विकेट दे दिया। भारत ने विश्व कप 5 रन से जीता और मिस्बाह के उस शॉट की चर्चा आज भी होती है।
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