भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी कप्तानी छोड़ने के बाद भी टीम के खिलाड़ियों से जुड़े हुए रहते हैं। मैदान पर धोनी अपने अनुभव का पूरा इस्तोमाल करते हैं और युवा खिलाड़ियों को बल्लेबाजी और गेंदबाजी के टिप्स देते रहते हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज में धोनी ने विकेट के पीछे से युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव को सही गेंद डालने की नसीहत दी और दोनों ही सीरीज के सबसे कामयाब गेंदबाज रहे। मैच के बाद खुद कुलदीप यादव और युजवेंद्र चहल भी धोनी की तारीफ कर चुके हैं। धोनी पिच और बल्लेबाजों को पढ़ना बखूबी जानते हैं और गेंदबाजों को उसी के अनुसार गेंद डालने को कहते हैं। बहुत कम बार ऐसा हुआ है जब धोनी का बताया हुआ तरीका गेंदबाज के काम ना आया हो। धोनी को युवा क्रिकेटरों को निखारने और उन्हें मैच विनर बनाने के लिए जाना जाता रहा है। आर अश्विन, रविंद्र जडेजा और युजवेंद्र चहल जैसे युवा क्रिकेटर्स को इस मुकाम तक पहुंचाने में धोनी का बड़ा हाथ रहा है। वह 2019 वर्ल्ड कप से पहले युवा क्रिकेटर्स को ढालने में विराट कोहली की मदद कर रहे हैं।

वनडे सीरीज के बाद दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए पहले टी-20 मैच में भी धोनी ने कुछ ऐसा ही किया। दरअसल, बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी दक्षिण अफ्रीका की टीम शुरुआती ओवरों में विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी कर रही थी। दक्षिण अफ्रीका के विस्फोटक बल्लेबाज डेविड मिलर ने आते ही कुछ आक्रमक शॉट्स लगाकर टीम को लक्ष्य के करीब पहुंचा रहे थे। धोनी जानते थे कि मिलर अगर ज्यादा देर तक क्रीज पर इस तरह खेलते रहे तो वह मैच को भारत से दूर ले जाएंगे।
इसी दौरान पारी का सातवां ओवर लेकर हार्दिक पंड्या आए, उन्होंने पहले एक शॉट डिलवरी फेंकी। इसके बाद बाउंसर डाला, फिर धोनी ने पंड्या से गुड लेंथ पर गेंद डालने को कहा और मिलर उस गेंद पर आउट हो गए। मिलर ने शॉट खेला जिसे शिखर धवन ने कैच किया और इस तरह एक बार फिर धोनी की समझदारी भारतीय टीम के काम आ गई।