अफगानिस्तान के कप्तान राशिद खान ने एशिया कप 2025 के शेड्यूलिंग और लॉजिस्टिकल व्यवस्था से नाराज दिखे। उन्होंने मंगलवार (9 सितंबर) को स्पष्ट रूप से कहा कि दुबई में रहना और हर मैच के दिन लगभग दो घंटे की यात्रा करके अबुधाबी जाना उनकी टीम के लिए ‘आदर्श’ शेड्यूल नहीं है। इससे भी बड़ी विडंबना यह थी कि राशिद उसी दिन सुबह यहां एक प्रेस कान्फ्रेंस में शामिल हुए जिस दिन उनकी टीम को शाम को अबुधाबी में हॉन्गकॉन्ग से भिड़ना है। इस दौरान एशिया क्रिकेट काउंसिल (ACC) के अध्यक्ष मोहसिन नकवी मौजूद थे।

राशिद ने एशिया कप की अनिवार्य प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि यह आदर्श है – इसी बात पर हम पहले भी (दूसरे कप्तानों के साथ) चर्चा कर रहे थे।’’ टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे अधिक विकेट लेने वाले इस गेंदबाज ने कहा, ‘‘अबुधाबी में खेलना और तीनों मैचों के लिए दुबई में रहना… यह अलग बात है, लेकिन पेशेवर क्रिकेटर होने के नाते हमें इन चीजों को स्वीकार करना होगा।’’

कार्यक्रम को भूलकर खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा

टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 170 विकेट लेने वाले राशिद ने यह भी कहा कि पेशेवर होने के नाते उन्हें कार्यक्रम को भूलकर खेल पर ध्यान केंद्रित करना होगा। राशिद ने कहा, ‘‘एक बार जब आप मैदान में उतरते हैं तो आप बाकी सब कुछ भूल जाते हैं। दूसरे देशों में हम अक्सर दो-तीन घंटे की उड़ान भरकर सीधे मैच खेलने पहुंच जाते हैं। मुझे याद है कि एक बार मैं बांग्लादेश से अमेरिका गया था और सीधे मैच खेला था।’’

चरित असलंका क्या बोले

श्रीलंकाई कप्तान चरित असलंका ने भी कार्यक्रम के बारे में बात की जिससे जिम्बाब्वे के खिलाफ कड़ी श्रृंखला के बाद उनकी टीम को आराम करने और उबरने का बहुत कम समय मिला है। असलंका से जब काफी कम समय में इतने सारे मैच खेलने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘अभी मुझे बहुत नींद आ रही है। मुझे लगता है कि मुझे कल इसका जवाब देना चाहिए। नहीं, मेरा मतलब है कि छह और सात सितंबर को जिम्बाब्वे में लगातार दो मैच और फिर सीधे यहां (दुबई) आना काफी मुश्किल है।

हमें कुछ दिन की छुट्टी की जरूरत

असलंका ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हमें कुछ दिन की छुट्टी की जरूरत है। मुझे उम्मीद है कि कोच हमें छुट्टी देंगे। अपनी फिटनेस का ध्यान रखना जरूरी है और हम सभी जानते हैं कि यहां बहुत गर्मी है। मेरे लिए पहले मैच में तरोताजा रहना और अपना शत प्रतिशत देना बेहद जरूरी है।’’