लंबे समय बाद इस पर मुश्ताक अली टी-20 खेला गया है। ऐसे में देखना रोचक होगा कि यहां की पिच गेंदबाजों और बल्लेबाजों के साथ क्या व्यवहार करती है। क्यूरेटर वी रमेश कुमार के मुताबिक इस बार पिच में सभी के लिए कुछ नया है। यानी तेज गेंदबाज, स्पिनर और बल्लेबाज, तीनों को ध्यान में रखकर पिच तैयार किया गया है। हालांकि अब तक खेले गए टैस्ट मैचों के आंकड़े बताते हैं कि स्पिन गेंदबाजों की यहां बादशाहत रही है।
क्यूरेटर ने क्या कहा
पिच तैयार करने में लगे क्यूरेटर वी रमेश ने एक साक्षात्कार में बताया कि हम स्पोर्टिंग विकेट तैयार कर रहे हैं। यहां गेंद और बल्ले के बीच अच्छा संघर्ष देखने को मिलेगा। पहले दिन गेंदबाजों को मदद मिलेगी। दूसरे दिन के बाद बल्लेबाजी आसान होगी और चौथे दिन स्पिनर हावी रहेंगे। उन्होंने कहा कि आमतौर पर चेपक की पिच सपाट होती है। इस बार ऐसा नहीं है। स्क्वायर और आउटफील्ड पर हरी घास है।
आंकड़े क्या कहते हैं
चेपक में खेले गए टैस्ट में गेंदबाजों को 916 विकेट मिले हैं। इसमें 358 विकेट तेज गेंदबाजों के नाम है तो 528 विकेट फिरकी गेंदबाजों ने चटकाए हैं। 30 विकेट ऐेसे गेंदबाजों के नाम हैं जिनके बारे में स्पष्ट तौर पर यह अंकित नहीं है कि वे तेज थे या स्पिन। विकेट चटकाने के मामले में शीर्ष के दस में से नौ स्पिन गेंदबाज हैं।
एक तरफ आठ मैचों में 48 विकेट के साथ अनिल कुंबले शीर्ष स्थान पर हैं तो कपिल देव 11 टैस्ट में 40 विकेट के साथ इस सूची में शामिल एकमात्र पेसर हैं। ऐसे में यह कहना उचित है कि चेपक की पिच स्पिनरों के मुफीद है। हालांकि क्यूरेटर की माने और इंग्लैंड की तैयारी को देखें तो पेस गेंदबज भी पूरी तैयारी के साथ उतरेंगे।
इंग्लैंड की तैयारी
भारतीय सरजमीं पर टैस्ट में स्पिन गेंदबाजों की दबदबा होता है। कोई भी शृंखला हो, स्पिनरों की भूमिका अहम हो जाती है। हालांकि भारत आई इंग्लैंड की टीम को देखर उनकी रणनीति का पता लगाना मुश्किल हो रहा है।
मेहमान टीम स्पिन विभाग को नजरअंदाज कर तेज गेंदबाजों पर दांव लगाने का मन बना चुकी है। हालांकि ऐसी ही रणनीति के साथ 2000 में दक्षिण अफ्रीका और 2004-05 में आस्ट्रेलिया ने भारत को उसी की जमीन पर मात दे चुका है। ऐेसे में भारतीय खेमे को भी सतर्क रहने की जरूरत होगी।
मेहमान की ऐसी तैयारी क्यों
पेसरों पर इंग्लैंड के भरोसे को देखते हुए उनके फैसले को समझना आसान है। मेहमान के पास जेम्स एंडरसन, स्टुअर्ट ब्रॉड, जोफ्रा आर्चर जैसे उम्दा तेज गेंदबाज हैं। इन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी बेहतर प्रदर्शन किया है।
इन चारों के पास कुल 1300 टैस्ट विकेट हैं। एंडरसन और ब्रॉड इस समय खेल रहे दुनिया के श्रेष्ठ गेंदबाजों की सूची में दूसरे स्थान पर हैं। ऐेसे में वाजिब है कि टीम इसे अपना प्राथमिक हथियार बनाएगी। वहीं स्पिन गेंदबाजों की बात करें तो इंग्लैंड के प्रमुख स्पिनर मोईन अली के नाम 181 और जैक लीच के नाम मात्र 40 विकेट हैं।
मेजबान की तैयारी कैसी
भारतीय खेमा अभी भी स्पिन गेंदबाजों पर भरोसा दिखाएगा। इसका कारण भी है। घरेलू पिच पर आर अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे गेंदबाजों का सामना करना किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा। भारत के पास वाशिंगटन सुंदर और कुलदीप यादव भी कमाल के गेंदबाज हैं।
चेपक में जडेजा के नाम दो टैस्ट में 15 विकेट हैं वहीं अश्विन ने 13 विकेट चटकाए हैं। भारतीय पिचों का व्यवहार हमेशा से ही स्पिन के मुफीद रहा है। टैस्ट क्रिकेट में सभी तरह के गेंदबाजों ने कुल मिलाकर 7,820 विकेट लिए हैं। इनमें से 4,283 स्पिन गेंदबाजों के नाम तो 3369 तेज गेंदबाजों के नाम दर्ज हैं।