छह बार की चैम्पियन एम सी मैरीकॉम (51 किलो) महिला विश्व चैम्पियनशिप के इतिहास में सबसे सफल मुक्केबाज बन गई जिन्होंने सेमीफाइनल में पहुंचकर आठवां पदक पक्का कर लिया जबकि भारत की तीन अन्य मुक्केबाज भी अंतिम चार में पहुंच गई। पहली बार खेल रही मंजू रानी (48 किलो) , पिछले सत्र की कांस्य पदक विजेता और तीसरी वरीयता प्राप्त लवलीना बोरगोहेन (69 किलो) और जमुना बोरो (54 किलो) भी सेमीफाइनल में पहुंच गई। तीसरी वरीयता प्राप्त मेरीकोम ने कोलंबिया की वालेंशिया विक्टोरिया को 5.0 से हराकर अंतिम चार में जगह बनाई।

इस जीत के साथ मैरीकॉम ने टूर्नामेंट की सफलतम मुक्केबाज होने का अपना ही रिकार्ड तोड़ा। पदकों की संख्या के आधार पर वे पुरुष और महिला दोनों में टॉप पर हैं। पुरुष वर्ग में क्यूबा के फेलिक्स सावोन ने सबसे ज्यादा सात पदक जीते हैं। मैरीकॉम के नाम अब तक 6 स्वर्ण और एक रजत पदक है। हालांकि, वह 51 किलोवर्ग में पहली बार पदक जीतेंगी। पिछली बार वे क्वार्टर फाइनल में हार गई थीं। मैरीकॉम ने ओलंपिक कांस्य पदक (2012), पांच एशियाई खिताब , एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण भी जीता है। इस साल उन्होंने गुवाहाटी में इंडिया ओपन और इंडोनेशिया में प्रेसिडेंट ओपन में स्वर्ण पदक जीता। वे राज्यसभा सदस्य भी हैं।

हरियाणा की रानी ने शीर्ष वरीयता प्राप्त और पिछले बार की कांस्य पदक विजेता दक्षिण कोरिया की किम हयांग मि को 4.1 से मात दी। वहीं असम राइफल्स की बोरो ने जर्मनी की उर्सुला गोटलोब को इसी अंतर से हराया । बोरगोहेन ने पोलैंड की छठी वरीयता प्राप्त कैरोलिना कोजेवस्का को 4.1 से मात दी। जीत के बाद मेरीकोम कहा ,‘‘पदक सुरक्षित करके मैं बहुत खुश हूं लेकिन फाइनल में पहुंचने से और खुशी होगी।’’ उन्होंने कहा,‘‘यह मेरे लिये अच्छा मुकाबला था और अब मैं सेमीफाइनल में बेहतर प्रदर्शन करना चाहूंगी।’’ सेमीफाइनल में शनिवार को उनका सामना दूसरी वरीयता प्राप्त तुर्की की बुसेनाज साकिरोग्लू से होगा जो यूरोपीय चैम्पियनशिप और यूरोपीय खेलों की स्वर्ण पदक विजेता है। उन्होंने चीन की केइ जोंग्जू को क्वार्टर फाइनल में हराया।

रानी का सामना अब थाईलैंड की सी रकसात से होगा जिसने पांचवीं वरीयता प्राप्त यूलियानोवा असेनोवा से होगा। वहीं बोरो शीर्ष वरीयता प्राप्त एशियाई खेलों की पूर्व कांस्य पदक विजेता हुआंग सियाओ वेन से होगा । बोरगोहेन की टक्कर चीन की यांग लियू से होगी जिसने शीर्ष वरीयता प्राप्त चेन निएन चिन को मात दी।

दो बार की कांस्य पदक विजेता कविता चहल (प्लस 81 किलो) हालांकि बेलारूस की कैटसियारिना कावालेवा से 0-5 से हार गई। मैरीकॉम ने संयम के साथ खेलते हुए अपने मौकों का इंतजार किया। उनका अनुभव उनकी सफलता की कुंजी साबित हुआ। उनके सीधे पंच काफी प्रभावी थे और उन्होंने विक्टोरिया के डिफेंस को भेद दिया। तीन बार की एशियाई पदक विजेता चहल का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा। उनके समूह में कम प्रतियोगी होने के कारण उन्हें सीधे क्वार्टर फाइनल में प्रवेश मिला था।