कोलकाता के ईडेन गार्डंस मैदान से भारतीय क्रिकेट की कई सुनहरी यादे जुड़ी हैं। इस मैदान पर गेंद और बल्ले के बीच संघर्ष की कई कहानियां प्रसिद्ध हैं। दुनिया के कई महान क्रिकेट खिलाड़ियों ने इस मैदान को क्रिकेट खेलने के लिए सबसे उपयुक्त स्थान माना है। इस मैदान भारत के साथ मैच खेलने वाली टीमों को सिर्फ सामने वाली टीम के 11 खिलाड़ियों से ही नहीं भिड़ना पड़ता बल्कि स्टेडियम में मौजूद दर्शकों की भारी संख्या और शोर का भी सामना करना पड़ता है। हम आप को बता रहे हैं इस मैदान से जुड़ी एक ऐसी ही याद के बारे में, जिसे भारतीय क्रिकेट प्रशंसक भूल नहीं सकते। वो 27 नवंबर का ही दिन था, साल 1993 था, जब भारतीय टीम के वर्तमान हेड कोच अनिल कुंबले ने वेस्टइंडीज के खिलाफ अपने वनडे करियर का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए भारत को शानदार जीत दिलायी थी।

यह हीरो कप का मैच था और भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए वेस्टडंडीज के सामने जीत के लिए 226 रन का लक्ष्य रखा था। वेस्टइंडीज 226 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए 101/4 के स्कोर पर उतनी मुश्किल में पहीं दिख रहा था और लक्ष्य की ओर बढ़ रहा था। इसके बाद गेंद कुबले के हाथ में आई और वेस्टइंडीज हो गया धराशायी। कुंबले ने जिम्मी एडम्स, कॉर्ल हूपर और रोलैंड होल्डर को बहुत ही कम अंतराल के अंदर चलता कर दिया। इस मैच में कुंबले ने कुल 6 विकेट हासिल किया था और इसके लिए महज 12 रन खर्च किए थे। वेस्टइंडीज की पूरी टीम देखते ही देखते 123 रन के स्कोर पर आल आउट हो गई और भारत ने यह मैच 103 रन से जीत लिया। कुंबले का 6/12 वाला प्रदर्शन 2014 तक भारत की ओर से किसी भी गेंदबाज का वनडे मैचों में सबसे बेहतरीन प्रदर्शन था। अनिल कुंबले का यह रिकॉर्ड 2014 में बांग्लादेश के खिलाफ स्टुअर्ट बिन्नी ने तोड़ा। स्टुअर्ट बिन्नी ने 4 रन देकर 6 विकेट लिया था।

इस तरह स्टुअर्ट बिन्नी और अनिल कुंबले भारत की ओर से एकदिवसीय मैचों में सबसे बेहतरीन बॉलिंग करने वाले दो खिलाड़ी हैं। आज से 23 साल पहले ईडेन गार्डंस में अनिल कुंबले का वह प्रदर्शन निश्चित ही क्रिकेट प्रशंसकों के दिमाग में ताजा होगा। कुंबले का वह प्रदर्शन ईडेन गार्डेंस के इतिहास में सबसे खतरनाक गेंदबाजी प्रदर्शन में से एक था। वेस्टइंडीज भी उस मैच को नहीं भूला होगा।