प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया, इंटरनेट, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंच व संस्थाओं में हिंदी के उपयोग में गुणात्मक वृद्धि हुई है। फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और वॉट्सऐप जैसे ऐप में तो अब हिंदी का ही बोलबाला है। गूगल और माइक्रोसॉफ्ट जैसी दिग्गज कंपनियों ने भी हिंदी में बहुत बड़े पैमाने पर काम करना शुरू कर दिया है। यही वजह है कि आज हिंदी के अच्छे जानकारों के लिए रोजगार की कमी नहीं है।

योग्यता
हिंदी भाषा से संबंधित दो तरह के पाठ्यक्रम मौजूद हैं- परंपरागत और पेवेशर। स्नातक पाठ्यक्रम में बारहवीं के बाद प्रवेश मिलता है, जबकि स्नातकोत्तर डिग्री के लिए हिंदी विषय के साथ स्नातक होना जरूरी है। इसके बाद एमफिल, पीएचडी कर सकते हैं। वहीं, पेशेवर पाठ्यक्रम में स्नातक के बाद ही दाखिला मिलता है।

पाठ्यक्रम
हिंदी में बीए, एमए, बीएड, एमएड, एमफिल व पीएचडी पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। एमए (कार्य संबंधि हिंदी), सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम रचनात्मक लेखन, पीजी डिप्लोमा (हिंदी पत्रकारिता), पीजी डिप्लोमा (रचनात्मक हिंदी लेखन), पीजी डिप्लोमा (अनुवाद), सर्टिफिकेट (हिंदी पत्रकारिता)

संस्थान
दिल्ली विश्वविद्यालय, नई दिल्ली
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय
भारतीय जनसंचार संस्थान, नई दिल्ली
जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली
हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय, महेंद्रगढ़
केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा<br />केंद्रीय हिंदी संस्थान, नई दिल्ली
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

वेतन
हिंदी के पाठ्यक्रमों को करने के बाद करीब 20,000 रुपए महीने से नौकरी शुरुआत हो जाती है। अनुभव के साथ-साथ इस क्षेत्र में मिलने वाले वेतनमान में भी इजाफा होता रहता है और विशेषज्ञता प्राप्त करने के बाद वेतन में बढ़ोतरी होती रहती है। विशेषज्ञ अच्छे वेतनमान पर कार्य करते हैं और इसमें अनुभव प्राप्त कर लेने पर स्वरोजगार की दिशा में भी बढ़ सकते हैं।

कार्यक्षेत्र
हिंदी अधिकारी : विभिन्न बैंकों, रेलवे कार्यालयों, केंद्रीय विश्वविद्यालयों जैसे केंद्र सरकार के उपक्रमों आदि में राजभाषा अधिकारी की नियुक्ति की जाती है। राजभाषा अधिनियम के प्रावधानों के तहत इस प्रकार के सभी संस्थानों में हिंदी अधिकारी की नियुक्ति अनिवार्य है। केवल इतना ही नहीं, निजी संस्थानों में भी हिंदी अधिकारी के भी पद होते हैं। देश-विदेश के सरकारी संस्थानों में हिंदी सलाहकार भी बन सकते हैं।

अनुवादक या दुभाषिया : विभिन्न निजी संस्थानों सहित कई सरकारी विभागों में अनुवादक और हिंदी लेखक के रूप में भी कई मौके उपलब्ध हैं। अंग्रेजी या अन्य विदेशी भाषाओं में अपना लेख लिखने वाले जाने-माने अंतरराष्ट्रीय लेखकों के लेख का अनुवाद हिंदी में कराते हैं।

मीडिया : टीवी, रेडियो चैनल, पत्रिकाओं, समाचार पत्रों के हिंदी संस्करणों में हुई बढ़ोतरी के कारण इन क्षेत्रों में भी नौकरियों के अवसर कई गुना बढ़े हैं। हिंदी के संपादकों, पत्रकारों, संवाददाताओं, उप संपादकों, प्रूफ रीडर्स, रेडियो जॉकी, एंकर आदि की आवश्यकता बढ़ती ही जा रही है। इन लोगों का अधिकांश कार्य हिंदी में ही होता है।

शिक्षण : स्कूलों व कॉलेजों में नर्सरी से लेकर पीजी स्तर तक हिंदी शिक्षण के अवसर उपलब्ध हैं। यहां तक कि विदेशी संस्थानों में भी हिंदी अध्यापकों की नियुक्ति होती है। हिंदी से बीए और बीएड करने के बाद स्कूलों में हिंदी अध्यापक की नौकरी मिल जाती है। कॉलेज के स्तर पर अध्यापन करने वाले छात्रों को एमए के बाद एमफिल और पीएचडी करने के बाद कॉलेज में प्रवक्ता का पद मिल सकता है।

स्क्रिप्ट लेखन : फिल्मों, धारावाहिकों और विज्ञापन कंपनियों में स्क्रिप्ट लेखकों की मांग कम नहीं है। प्रिंट मीडिया में भी क्रिएटिव और तकनीकी लेखकों की जरूरत बनी रहती है।

कॉल सेंटर : भारत में कार्यरत कॉल सेंटर में हिंदी के आधार पर नौकरी मिलती है। टेलीकम्युनिकेशन में भी हिंदी की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण है। अच्छी हिंदी के उच्चारण वाले दक्ष लोगों की इस क्षेत्र में बड़ी मांग है।