राष्ट्रीय पूंजीगत वस्तु नीति का मकसद वैश्विक प्रतिस्पर्धी पूंजीगत वस्तु क्षेत्र के लिए एक सिस्टम बनाना है। ताकि वर्तमान के कुल उत्पादन को 2025 तक 2.3 लाख करोड़ रुपए से बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपए किया जा सके।
इस नीति के जरिए सरकार 2025 तक प्रत्यक्ष घरेलू रोजगार को 14 लाख से बढ़ाकर कम से कम 50 लाख करना चाहती है। जबकि अप्रत्यक्ष रोजगार को 70 लाख से बढ़ाकर ढ़ाई करोड़ करने का लक्ष्य रखा गया है।
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नीति के तहत भारत में पूंजीगत वस्तुओं की मांग में घरेलू उत्पादन का हिस्सा 60 प्रतिशत से बढ़ाकर 80 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। इसी दौरान घरेलू क्षमता के उपयोग को बढ़ाकर 80-90 प्रतिशत करने की तैयारी है।
इस नीति के जरिए सरकार भारत को एक वैश्विक उत्पादक पावरहाउस बनाना चाहती है। नीति में एकसमान वस्तु एवं सेवा कर (GST) लगाने की सिफारिश की गई है।