Bandra East Maharashtra Election 2024: महाराष्ट्र के चुनावी रण में महायुति और महा विकास अघाड़ी (MVA) के बीच चल रहे चुनावी घमासान में कुछ हाई प्रोफाइल सीटों पर जोरदार चुनावी मुकाबला होने जा रहा है। ऐसी ही एक हाई प्रोफाइल सीट बांद्रा ईस्ट है। इस सीट से शिवसेना (यूबीटी) ने वरुण सरदेसाई को टिकट दिया है जबकि एनसीपी अजित गुट से जीशान सिद्दीकी चुनाव मैदान में आ गए हैं।

महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और सभी सीटों पर एक चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे। 23 नवंबर को वोटों की गिनती होगी।

2019 में जीती थी कांग्रेस

2019 के विधानसभा चुनाव में अविभाजित शिवसेना को यहां हार मिली थी और तब कांग्रेस के टिकट पर जीशान सिद्दीकी चुनाव जीते थे। जीशान ने तब बृहन्मुंबई नगर निगम के पूर्व मेयर और शिवसेना उम्मीदवार विश्वनाथ महादेश्वर को हराया था।

जीशान सिद्दीकी बाबा सिद्दीकी के बेटे हैं। बाबा सिद्दीकी की कुछ दिन पहले मुंबई में बदमाशों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या को लेकर मुंबई और महाराष्ट्र का राजनीतिक माहौल बेहद गर्म है। बदले हुए चुनावी माहौल में जीशान सिद्दीकी ने एनसीपी अजित पवार गुटका हाथ थाम लिया है और पार्टी ने उन्हें बांद्रा ईस्ट सीट से टिकट भी दे दिया है।

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निश्चित रूप से जीशान सिद्दीकी के चुनाव लड़ने के बाद बांद्रा ईस्ट सीट पर बेहद कड़ा चुनावी मुकाबला देखने को मिलेगा क्योंकि बाबा सिद्दीकी की हत्या के बाद जीशान सिद्दीकी को इस विधानसभा सीट पर सिंपैथी वोट मिलने के पूरे आसार हैं। बांद्रा ईस्ट की विधानसभा सीट इसलिए भी हाई प्रोफाइल है क्योंकि शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे का घर मातोश्री इसी विधानसभा सीट में पड़ता है।

जैसे ही शिवसेना (यूबीटी) ने वरुण सरदेसाई को अपना उम्मीदवार बनाया, जीशान सिद्दीकी ने X पर लिखा- “सुना है कि पुराने दोस्तों ने बांद्रा ईस्ट से अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है। साथ रहना कभी उनके स्वभाव में नहीं था। रिश्ता केवल उन्हीं से रखो जो तुम्हें सम्मान देते हों।”

बांद्रा ईस्ट की विधानसभा सीट को लेकर कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) के बीच काफी विवाद हुआ था। कांग्रेस का कहना था कि साल 2019 में उसे यहां से जीत मिली थी और इस बार भी वही यहां से चुनाव लड़ेगी लेकिन काफी तनातनी के बाद यह सीट शिवसेना (यूबीटी) के पास चली गई।

कांग्रेस ने जीशान को कर दिया था बाहर

जीशान सिद्दीकी पर इस साल अगस्त में हुए महाराष्ट्र विधान परिषद के चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने का इल्जाम लगा था और कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया था। हालांकि जीशान सिद्दीकी ने कहा था कि उन पर क्रॉस वोटिंग का आरोप लगाया जाना पूरी तरह गलत है। अजित पवार गुट से टिकट मिलने के बाद जीशान सिद्दीकी ने कहा कि यह उनके और उनके परिवार के लिए एक इमोशनल दिन है और वह अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल और सुनील तत्कारे का आभार व्यक्त करते हैं। जीशान ने कहा कि वह एक बार फिर बांद्रा ईस्ट सीट से जीत हासिल करेंगे। जीशान सिद्दीकी का कहना है कि कांग्रेस में लंबे वक्त तक काम करने के बावजूद पार्टी ने उन्हें अहमियत नहीं दी।

कौन हैं वरुण सरदेसाई?

अब जानते हैं कि वरुण सरदेसाई कौन हैं। वरुण सरदेसाई की उम्र 31 साल है और वह आदित्य ठाकरे की मौसी के बेटे हैं। वरुण सरदेसाई ठाकरे परिवार की इस पीढ़ी के दूसरे ऐसे नेता हैं जो चुनावी राजनीति में उतरने जा रहे हैं। वरुण सरदेसाई पेशे से सिविल इंजीनियर हैं। उन्होंने शिव सेना की युवा विंग युवा सेना में काम किया है और 2018 के बाद से ही कई पदों पर रहे हैं। शिवसेना (यूबीटी) के सूत्रों का कहना है कि वरुण सरदेसाई ने चुनावों में पार्टी के लिए काफी काम किया है। मुंबई विश्वविद्यालय के सीनेट चुनाव में उन्होंने बैकरूम मैनेजर के तौर पर काम किया था जहां पर पार्टी ने सभी 10 सीटें जीती थी।

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अप्रैल, 2022 में बीजेपी की तत्कालीन सांसद नवनीत राणा और उनके पति और बीजेपी नेता रवि राणा के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शनों में वरुण सरदेसाई सबसे आगे थे। उस दौरान जब राणा दंपति ने मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की बात कही थी तो इसे लेकर मुंबई और महाराष्ट्र के राजनीतिक और मीडिया कॉरिडोर में काफी हलचल पैदा हुई थी। लंबे वक्त तक चले विरोध के बाद राणा दंपति को मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की अपनी चुनौती को वापस लेना पड़ा था।

वरुण सरदेसाई ने अगस्त, 2021 में उद्धव ठाकरे के खिलाफ पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के द्वारा की गई टिप्पणी को लेकर भी विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया था। 2019 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में भी सरदेसाई ने शिवसेना के लिए लगातार चुनाव प्रचार किया था। शिवसेना (यूबीटी) के नेताओं का कहना है कि वरुण सरदेसाई जमीन पर काम करने वाले नेता हैं।