पिछले कुछ सालों में भारत में जिन सामाजिक मुद्दों को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा हुई है उनमें से एक मुद्दा युवाओं का शादी न करने के लिए तैयार होना भी है। सोशल मीडिया पर भी इस मुद्दे को लेकर काफी बहस हुई है। लड़के और लड़कियां दोनों ही इस मामले में काफी मुखर हैं और इसके पीछे वे वजहें भी गिनाते हैं।

अगर लड़के और लड़कियां शादी के लिए तैयार होते भी हैं तो वे 35 साल की उम्र के बाद शादी करते हैं। लेकिन इसके पीछे वजह क्या है?

हम सभी को इस बात को स्वीकार करना होगा कि जमाना बदल चुका है। यह वक्त सोशल मीडिया का है और इसने भारतीय समाज में चली आ रही पुरानी परंपराओं पर काफी असर डाला है। आजकल के युवा अपने जीवन को अपनी मर्जी से, अपने नियमों के मुताबिक जीना चाहते हैं और उन्हें इसमें किसी की रोक-टोक या दखल पसंद नहीं है, यहां तक कि अपने माता-पिता का भी।

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World Singles Day 2024: क्यों मनाया जाता है सिंगल्स डे। फोटोः freepik

माई लाइफ-माई रूल्स का मंत्र

आपने टीवी-अखबारों में या आस-पड़ोस में किसी से ऐसी बातों को जरुर सुना होगा कि घर में डांट की वजह से बच्चे घर छोड़कर चले गए या उन्होंने कोई आत्मघाती कदम उठा लिया। इसकी सीधी वजह यही है कि पहले के वक्त में जहां बच्चे मां-बाप और घर के बड़े-बुजुर्गों की बातों को सुनते-समझते थे, अब ऐसा बहुत कम देखने को मिलता है। अधिकतर युवाओं का जीवन मंत्र है- माई लाइफ-माई रूल्स। शादी के मामलों में भी ऐसा ही होता है जब युवा अपने मन और अपने दिल की बात सुनना पसंद करते हैं।

आइए, इन सब बातों को कुछ लोगों के जीवन के रियल उदाहरणों से समझते हैं।

सरोगेसी से हुए दो बेटे

35 साल के अनिर्बान सेन मुंबई में एक बड़ी कंपनी में आईटी प्रोफेशनल हैं। अनिर्बान सेन के दो बेटे हैं। अनिर्बान कोशिश करते हैं कि वह अपने बच्चों की पढ़ाई के वक्त तक शाम को घर वापस आ जाएं। अनिर्बान एक मल्टी टास्किंग पैरेंट की तरह अपने बच्चों का पूरा ख्याल रखते हैं। आगे की बात जानकार आप हैरान रह जाएंगे।

हैरानी की बात यह है कि अनिर्बान ने शादी नहीं की है और सरोगेसी के जरिए उनके दो बेटे हुए हैं। अनिर्बान अपने माता-पिता के साथ रहते हैं और उनका दोस्तों का ग्रुप भी है।

अनिर्बान द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहते हैं कि इन दिनों शादी एक बड़ी चुनौती बन गई है। हर किसी के अपने टारगेट हैं और बिना किसी झगड़े के एक-दूसरे के साथ तालमेल बैठाना बहुत मुश्किल काम है। वह कहते हैं कि संबंधों को स्टेबल बनाने में काफी वक्त लगता है।

अनिर्बान कहते हैं कि अगर उन्हें कोई समान विचार वाला जीवनसाथी मिले तो वह उसका सम्मान करेंगे लेकिन इसके लिए आपको शादी करने की कोई जरूरत नहीं है। अनिर्बान बताते हैं कि वह पिता बनना चाहते थे लेकिन उनके पार्टनर की प्राथमिकताएं कुछ और थीं और इसलिए उन्होंने सरोगेसी के जरिए बच्चों का विकल्प चुना।

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जीवन भर सिंगल रहने का फैसला

इसी तरह बिहार के भागलपुर की रहने वालीं 38 साल की लवली ठाकुर ने फैसला किया है कि वह जीवन भर सिंगल रहेंगी। लवली अपनी दो बहनों के साथ दिल्ली में रहती हैं और पशुओं को बचाने वाला एक एनजीओ चलाती हैं। लवली ठाकुर द इंडियन एक्सप्रेस से कहती हैं कि वह और उनका पार्टनर अलग-अलग चीजें चाहते थे। उन्हें यह देखकर हैरानी हुई कि शादीशुदा पुरुष भी डेटिंग एप्स पर अपना स्टेटस छुपा लेते हैं और अफेयर चलाते हैं। वह कहती हैं कि अधिकतर शादियों में ज़िम्मेदारी एक ही जेंडर पर डाल दी जाती है। लवली के मुताबिक, महिलाओं के लिए यह ज्यादा जरूरी है कि वे अपने फाइनेंस के मामलों पर ध्यान दें, साथ ही अपनी हेल्थ और आराम पर भी। उन्हें अपने रिटायरमेंट के लिए योजना बनानी चाहिए।

लवली कहती हैं कि उन्हें दोस्ती से किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं है लेकिन वह इतने संसाधन जोड़ना चाहती हैं कि अपने बुढ़ापे में आराम से जीवन गुजार सकें। उनके मुताबिक, अपनी शर्तों पर अपनी जिंदगी को जीना किसी भी तरह से शादी का विरोध करना नहीं है। लवली ठाकुर कहती हैं कि महिलाएं अपने लिए सम्मानजनक जगह चाहती हैं। लवली की कई दोस्त ऐसी हैं जो सिंगल रहना पसंद करती हैं।

23% युवा नहीं करना चाहते शादी

अगर आप अनिर्बान और लवली ठाकुर की बातों को ध्यान से समझेंगे तो समझ आएगा कि भारत में यंग जेनरेशन शादी के बिना रहने का विकल्प चुन रही है। नेशनल स्टैटेसटिक्स ऑफिस यूथ इन इंडिया की 2022 की रिपोर्ट से पता चलता है कि 23% युवा शादी की इच्छा नहीं रखते पहले यह आंकड़ा 17.2 प्रतिशत था। आप समझ सकते हैं कि शादी न करने की इच्छा रखने वाले युवाओं की संख्या कितनी तेजी से बढ़ रही है।

शादी को लेकर क्या परेशानी है?

मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में रिलेशनशिप काउंसलर और साइकेट्रिस्ट डॉ. शौनक अजिंक्य द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहते हैं कि उनके पास आने वाले 20% युवा शादी के खिलाफ हैं और ऐसा नहीं है कि वे जिम्मेदारियां से बचने की वजह से ऐसा करते हैं। लड़के और लड़कियां दोनों ही पहले अपना करियर बनाना चाहते हैं और शादी करने से पहले इकनॉमिक स्टेबिलिटी यानी आर्थिक रूप से सक्षम होना चाहते हैं।

कुछ युवाओं की एबिंशंस हैं, कुछ को स्टूडेंट लोन चुकाना है और ऐसे में वे अपने ऊपर कोई फाइनेंशियल बोझ नहीं लादना चाहते।

27 साल के सार्थक गुप्ता कोलकाता में नौकरी करते थे लेकिन अब वह अपने माता-पिता के पास नोएडा चले गए हैं। सार्थक कहते हैं कि वह सेटल्ड हैं और उन्हें इसके लिए शादी करने की जरूरत नहीं है। सार्थक कहते हैं कि उनकी पार्टनर अपने बूढ़े माता-पिता की जरूरत के लिए उनके साथ रहना चाहती थी और इससे उनके रिश्तों पर कोई फर्क नहीं पड़ता।

चीन में चला था वीबो हैशटैग

चीन में शादी को रिजेक्ट करने को लेकर वीबो हैशटैग चलाया गया था और इसे 9.20 करोड़ बार देखा गया था। लोगों का कहना था कि शादी को रिजेक्ट करने के पीछे वजह तलाक और घरेलू हिंसा है।

पुणे के साइकेट्रिस्ट डॉक्टर पंकज बोराडे के क्लीनिक में बड़ी संख्या में प्री मैरिटल काउंसलिंग के लिए जोड़े आते हैं। पंकज बोराडे द इंडियन एक्सप्रेस से कहते हैं कि अधिकांश जोड़े पूरी तरह प्रोफेशनल हैं और कुछ लोगों पर विवाह के लिए फैमिली प्रेशर भी होता है। वह कहते हैं कि जैसे शादियां बढ़ रही हैं, तलाक के मामले भी बढ़ रहे हैं। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में तलाक लेने की दर पिछले 5 सालों में 35% से ज्यादा बढ़ चुकी है।

डेटिंग एप्स से मिले फिर शादी की

इन दिनों बड़ी संख्या में ऐसे डेटिंग एप्स भी हैं जिन पर लोग एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। 38 साल की एड फिल्म मेकर संगीता सिंह अपने पति से बम्बल एप पर मिली थीं। वह सोचती थीं कि वह कभी भी शादी नहीं करेंगी लेकिन कॉफी और डिनर पर मिलने के बाद नजदीकियां बढ़ीं और उन्होंने शादी कर ली।

भारत में जिस तरह की सामाजिक व्यवस्था है उसमें सभी धर्मों में शादी एक जरूरी प्रथा या परंपरा मानी जाती है। लेकिन युवाओं के बीच इस तरह का ट्रेंड बढ़ना कि वे अकेले रहना चाहते हैं, अपना करियर बनाना चाहते हैं, इसे लेकर उनकी बातों को समझने की जरूरत है। घर के बड़े-बुजुर्गों को युवाओं को यह समझाना जरूरी है कि शादी के मामले में दोनों की अहमियत बराबर है और बराबर सम्मान है और इससे उन्हें जीवन में आने वाली मुश्किलों से मुकाबला करने के लिए एक बेहतर जीवनसाथी भी मिलेगा।

इसलिए युवाओं की बातों को समझने और उन्हें हल करने की जरूरत है कि युवा शादी करने से क्यों कतरा रहे हैं।